सीता राम येचुरी सीपीआई एम के महासचिव बन चुके हैं. प्रकाश करात का टर्म पूरा होने के बाद येचुरी ने यह जिम्मेदारी संभाली है. राजनीति के इस जाने पहचाने चेहरे के बारे में कुछ और जानिये.
हरकिशन सिंह सुरजीत से वाम राजनीति की शिक्षा लेने वाले येचुरी का जन्म 2 अगस्त 1952 को हुआ. हैदराबाद में स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद सीता राम येचुरी दिल्ली आ गये और वह संत स्टिफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में फर्स्ट क्लास फर्स्ट रहे. इमरजेंसी के कारण हुई गिरफ्तारी के चलते वह पीएचडी नहीं कर सके. जेल से छूटने के बाद येचुरी जवाहर लाल नेहरू युनिवर्सिटी में कम्युनिस्ट पार्टी छात्र इकाई के प्रेसिडेंट चुने गये. इसके बाद वह 1978 में इस संगठन के अखिल भारतीय महासचिव चुने गये. कुछ समय बाद वह इसके प्रसिडेंट भी बन गये.
येचुरी सीपीआई एम के पोलित ब्युरो के सदस्य 1992 में बनाये गये. लिखने पढ़ने के माहिर येचुरी ने पार्टी के मुख्यपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के सम्पादक लम्बे समय तक रहे.
येचुरी 2005 में पहली बार राज्य सभा के लिये चुने गये. एक प्रखर वक्ता के रूप में येचुरी अपनी पहचान बनायी और वह राज्यसभा में किसानों और मजदूरों की आवाज को जोरदार तरीके से उठाते रहे.
प्रकाश करात की जगह पार्टी के महासचिव बनाये गये सीता राम येचुरी के सामने गंभीर चुनौतियां हैं. वह ऐसे समय में पार्टी की कमान पकड़े हैं जब देश भर में वाम राजनीति हाशिये पर जा चुकी है. पश्चिम बंगाल का वाम किला ढ़ह चुका है और फिलवक्त इस पार्टी का शासन मात्र त्रिपुरा में बचा है.