पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज इस रहस्य से पर्दा उठा दिया कि वह बिहार के प्रति इतने जज्बाती क्यों हैं?
पूर्व मुख्यमंत्री जब से सम्पर्क यात्रा पर निकले हैं तब से अपने अनुभवों को फेसबुक पर शेयर कर रह हैं. लेकिन सोमवार को जब वह शेखपुरा और नवादा की यात्रा पर निकले तो काफी भावुक दिखे. इतना ही नहीं उन्होंने अपने जज्बात को पूरे मनोभाव से आज व्यक्त भी किया है और बताया है कि वह बिहार के प्रति इनते जज्बाती क्यों हैं.
उन्होंने लिखा है कि सुबह शेखपुरा के सम्मेलन में अपने संवाद और कार्यकर्ताओं के संकल्प के बाद जब नवादा के लिए चला तो असाधारण दृश्य सामने था | रास्ते भर सड़क के दोनों ओर बच्चे, युवा, महिलाएं और वृद्ध स्वतः एकत्र होकर स्नेहपूर्वक अभिवादन कर रहे थे ! कई बार मन में आया कि गाड़ी से उतर कर पैदल ही चल पडूँ | कम से कम ऐसे हज़ारों लोगों के साथ कुछ दूर चलने का अवसर मिलेगा जिनके लिए जीवन भर काम करता रहा हूँ | जो एक बार मन से पूरा बिहार घूम ले, बिहार उसके मन में उतर जाता है | और हम तो चार दशकों से पूरा बिहार घूमते रहे हैं | इसलिए राज्य के प्रति इतना जज़्बाती हूँ |
ऐसे समय में जब बिहार के मुख्यमंत्री पिछड़े, अतिपिछड़े और दलितों के संग होने वाली नाइंसफी को जोर शोर से उठा रहे हैं ऐसे में नीतीश ने अपने फेसबुक पेज पर यह कहा है कि बिहार को विकसित करने का एक ही रास्ता है – न्याय के साथ विकास का .इसलिए राजनीति में जो भी दौर रहे मैं इस रास्ते को नहीं छोड़ सकता.
नीतीश ने लिखा है कि सरकार के प्रयासों के कारण की जाति, वर्ग और संप्रदाय के बीच समरसता और सौहार्द उत्पन्न हो सका | यह सबसे जीवंत प्रमाण है कि हमारी पार्टी के सिद्धांतों के अनुरूप हमारी सरकार प्रत्येक जाति, समुदाय और संप्रदाय के हित में पारदर्शी ढंग से काम करती रही.
एक तरह से नीतीश ने जीतन राम मांझी के बयानों पर अप्रत्यक्ष रूप से जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार प्रत्येक कमज़ोर वर्ग के लिए विशेष कार्यक्रम चला सकी. आज भी जनता दल यूनाईटेड की सबसे बड़ी ताकत यह है कि कोई जाति, वर्ग, संप्रदाय अथवा समूह हमारी पार्टी या उसकी नीतियों के खिलाफ़ नहीं है. उन्होंने लिखा है कि हमारी पार्टी को समाज के सभी तबकों का समर्थन प्राप्त है | प्रत्येक जिला सम्मेलन में जिले के हर वर्ग से कार्यकर्ता सम्मिलित हुए हैं.