असुरक्षा की पनपती भावना पर निवर्तमान उपराष्ट्रपति के खिलाफ भक्तों द्वारा वुमीट की जा रही जहरीली टिप्पणी का आवेश तिवारी ने ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया है जिसे पढ़ कर वे लोग अपना ही मुंह नोचने को मजबूर हो जायेंगे.
निवर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी उस खानदान से ताअल्लुक रखते हैं जिनके भाई ब्रिगेडियर उस्मान थे. जिन्होंने अपनी जान दे कर सैकड़ों पाकिस्तानियों को न सिर्फ मौत के घात उतारा बल्कि भारत की अस्मत भी बचा ली.
हाँ तो भक्तों आप क्या कह रहे थे कि हामिद अंसारी को पाकिस्तान भेज देना चाहिए| चलो फिर एक कहानी सुनो ‘ जमीलन बीबी और फारुख का बेटा उस्मान;जब;बनारस के हरिश्चद्र इंटर कालेज में पढने जाता था तो मोहल्ले की लड़कियां अपने झज्जे पर खड़ी हो जाती थी ,मगर क्या मजाल कि उस्मान अपनी आँखें ऊपर करे|
कहते हैं जब उसकी आँखें जब ऊपर होती थी दुश्मन की आँखें हमेशा के लिए बंद हो जाती थी ।खूबसूरत आँखें मासूम चेहरा और लोहे के जैसा कलेजा ।उस्मान के लिए देश ही सब कुछ था ,उसका परिवार ,उसका घर बार,उसकी दुनिया । यह एक बात उसने बार बार साबित करी ,लेकिन इन्तेहाँ तब हुई जब मऊ;के;बीबीपुर में जन्में उस्मान ने कश्मीर के लिए हिंदुस्तान के लिए एक दिन अपने प्राण न्यौछावर कर दिए ।
भारत पाकिस्तान के विभाजन के समय जब पूरे देश में दंगे भड़के हुए थे सेना का भी विभाजन हो रहा था ,10 वीं बलूच रेजिमेंट के अधिकारी उस्मान ने हिन्दुस्तान ;ही ;रहने का फैसला किया जबकि उसके सभी मुस्लिम साथी पाकिस्तान जा रहे थे,दरअसल उनके इस फैसले के पीछे उनके चाचा और उनका चचेरा भाई भी था, जिसकी उम्र उस वक्त केवल 10 साल की थी ।बहुत कम लोगों को पता होगा कि उन्हें पाकिस्तानी हुक्मरानों ने ब्रिग्रेडियर उस्मान को सेना का प्रमुख बनने का भी आफर दिया गया था लेकिन उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया ।अब सवाल उठता है वो चचेरा भाई कौन था? तो जवाब सुन लीजिये ” हामिद अंसारी” |
एक दूसरी सूचना भक्तों हामिद अंसारी गर डरने की बात कह रहे हैं तो वो मान लो, तुम्हे नहीं पता होगा लेकिन पता होना चाहिए कि वो माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खानदान के हैं |मुख्तार बहुत बड़ा निशानची है |