पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भाजपा गठबंधन में भारी खीचतान को तूफान से पहले की शांति बता डाला है. उन्होंने कहा कि यह शांति कभी भी तूफान का रूप ले सकती है क्योंकि अमित शाह ने खुद स्वीकार किया है कि एक महीना में सब ठीक हो जायेगा.
नौकरशाही ब्यूरो,मुकेश कुमार
गया(बिहार)।हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को शहर के गोदावरी स्थित अपने आवास पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया।जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं…ऑल इज वेल,मैं कहता हूं नथिंग इज वेल।
उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में काफी तनाव है।आपसी खींचतान मची हुई है। जिस तरह से तूफान से आने वाले पहले शांति होती है,उसी तरह की शांति है।श्री मांझी ने कहा कि कुछ दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जब बिहार दौरे पर आए थे तो उन्होंने कहा था कि एक महीने में सब कुछ ठीक हो जाएगा। जब सब कुछ ठीक हो जाने की बात वह कह रहे हैं,इसका मतलब साफ है कि एनडीए में कुछ भी ठीक नहीं है।
इसके अलावा जीतन राम मांझी ने कहा कि जिले के खिजरसराय प्रखंड के विभिन्न गांवों में बाल मजदूरी कराने वाले दलाल सक्रिय हैं।इन दलालों के माध्यम से बड़े पैमाने पर बाल मजदूरों को जयपुर सहित अन्य प्रदेशों में ईट भट्ठा और कारखानों में काम करने के लिए भेजा जाता है।बदले में बहुत ही न्यूनतम मजदूरी दी जाती है।जो बच्चे घर वापस आना भी चाहते हैं,उन्हें बंधक बनाकर रखा जाता है। उन्होंने कहा कि एक जाति विशेष के दलाल खिजरसराय प्रखंड में सक्रिय है।जिसके कारण सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की संभावना है।उन्होंने कहा कि उनका पैतृक गांव महकार खिजरसराय प्रखंड में है।कई लोगों ने उन्हें जानकारी दी है कि दलालों के कारण क्षेत्र में कभी भी आपसी से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
इसलिए उन्होंने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग किया है कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। साथ ही जो बच्चे बाल मजदूरी कर रहे हैं। उनका सर्वे कराकर उनके पुर्नवास की व्यवस्था करें।
जीतन राम मांझी ने राज्य सरकार की खराब विधि-व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि आए दिन राज्य में महिलाओ के साथ बलात्कार हो रहे हैं।चारों तरफ भ्रष्टाचार व्याप्त है।चोरी,लूट,डकैती और हत्या की घटनाएं हो रही है।लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह सब दिखाई नहीं दे रहा है। वे सीटों के बंटवारे के तालमेल में लगे हुए हैं।उन्हें चुनाव की चिंता है। बिहार की जनता की कोई चिंता नहीं हैं।