अौरंगाबाद में एक महिला ने कैसे डायवर्स के झूठे कागजात पेश कर सेविका की नौकरी हासिल करने की कोशिश की.हम यहां शिकायकर्ता का पत्र छाप रहे हैं. यह एक संगीन मामाला है इसलिए हम ओबरा की सीडीपीओ प्रतिक्रिया भी छाप रहे हैं.
आदरणीय महोदय
यह मामला समाज कल्याण विभाग से संबंधित है.ग्राम पंचायत गैनी में आँगनबाड़ी सेविका के पद पर चयन हेतु मेरा मेधा अंक 84 है. मेरी शैक्षणिक योग्यता स्नातक है तथा मैं मैट्रीक से लेकर स्नातक तक प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हूँ. नियमावली के अनुसार इस पद हेतु तैयार मेधा सूची में मेरा क्रमांक सर्वोच्च होना चाहिए. पर एक दूसरी आवेदिका संगीता कुमारी जिनका मध्यमा का फर्जी अंक पत्र जमा करने के बावजूद मेधा अंक हमसे 2 कम 82 है, को तैयार मेधा सूची में क्रमांक 1 पर रख दिया गया है.
स्पष्ट कर दूं कि इस पद पर बहाली हेतु सीडीपोओ ओबरा ने हमसे दो लाख पचास हजार रूपए की माँग की थी, जिसे मैंने स्पष्टतः ठुकरा दिया था तथा उन्हें कहा था कि मेधा सूची के अनुसार तो मैं स्वतः सर्वोच्च रहूँगी.
बाद में उन्होंने ओबरा प्रखंड के एक मुखिया के माध्यम से दूसरी आवेदिका के साथ संपर्क साधा और पैसे लेकर उसके चयन हेतु एक जुगाड़ लगाया.
नियमावली के अनुसार विधवा या परित्यक्ता के मेधा अंक में 7 अतिरिक्त अंक जोड़े जाने हैं, सीडीपीओ ने आवेदिका संगीता कुमारी को अपने पति के साथ विवाह-विच्छेद (डायवोर्स) का शपथ-पत्र लगाने की सलाह दी और उस आधार पर उनका मेधा अंक 82+7=89 कर मेधा सूची में सर्वोच्च स्थान दे दिया.
आवेदिका संगीता कुमारी के पति गोह प्रखंड में पंचायत शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं और नियमावली के अनुसार जिले मे कार्यरत किसी भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी की पत्नी का चयन तो दूर इस पद हेतु आवेदन भी नहीं दे सकती.
इस बंदिश से बचने के लिए तथा परित्यक्ता या विधवा का लाभ प्राप्त करने के लिए ही संगीता कुमारी के द्वारा सीडीपोओ ओबरा को पैसे देकर अवैध एवं फर्जी परित्यक्ता प्रमाण पत्र तथा फर्जी अंक-पत्र लगाया गया है.
विदित हो कि शपथ-पत्र के आधार पर विवाह-विच्छेद का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है.हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के अनुसार न्यायिक पृथक्करण, विवाह-संबंध-विच्छेद तथा विवाहशून्यता हेतु सक्षम न्यायालय के द्वारा की घोषणा की व्यवस्था की गई है, न कि शपथ-पत्र के द्वारा.
विश्वासी-
अनु कुमारी
पति- दीपक कुमार
ग्राम+पोस्ट- गैनी
प्रखंड- ओबरा,
जिला- औरंगाबाद (बिहार)
सीडीपीओ का बयान
ओबरा की सीडीपीओ अनुपम बाला ने नौकरशाही डॉट इन को बताया है कि हमने सभा में संगीता समेत तमामम उम्मीदवारों के अंकों की घोषणा की. मुखिया ने संगीता कुमारी के डायवर्स का प्रमाण पत्र जारी किया है. इस लिहाज से संगीता को अतिरक्त अंक दिये गये. अनु कुमारी ने इस सिलसिले में पहले शिकायत नहीं की. अब शिकायत आयी है तो जांच होगी. जहां तक उन्होंने रिश्वत लेने का आरोप लगाया है तो इसमें मेरा कहना है कि वह चाहें तो आरोप की जांच करवा लें. सिर्फ इल्जाम लगाने से आरोप साबित नहीं हो सकता.
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