किसी काम में पिल पड़ने की ताजातरीन मिसाल देखनी हो तो प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण पर गौर कीजिए जो सीबीआई निदेशक के पीछे पिल पड़े हैं और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
आम आदमी के नेता और इन प्रख्यात वकील ने पहले तो सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा द्वारा 2जी घोटाले के आरोपियों से मिलने का कच्चा चिठ्ठा सुप्रीम कोर्ट को पेश कर दिया. नतीजा यह हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पहली नजर में संदेहस्पद मानते हुए सिन्हा को आदेश दिया कि 2जी घोटाले की जांच से वह अलग हो जायें.
अब जब अदालत ने यह हुक्म दे दिया है तो अब प्रशांत भूषण ने सिन्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है जिमें उन्होंनेसीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के खिलाफ अपने कार्यालय का दुरुपयोग करने का मामला दर्ज कराया है. एफआईआर में सिन्हा की कोयला घोटाले और 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में भूमिका का जिक्र है. प्रशांत भूषण ने कहा कि यदि सिन्हा ने 2जी और कई अन्य मामलों के दोषियों को बचाने की कोशिश की है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
प्रशांत भूषण ने जो एफआईआईर दर्ज कराई है उसमें इस बात को बुनियाद बनाया है कि अगर उन्हें घोटाला जांच से हटाया गया है तो इसका मतलब हुआ कि उन्होंने जरूर अपने पद को दुरोपयोग किया. लिहाजा उनको इसकी सजा मिलनी चाहिए.उन्होंने ने कहा कि सरकार न सिन्हा के खिलाफ समुचित कार्रवाई नहीं की इसलिए यह एफआईआर दर्ज करानी पड़ी.
रंजीत सिन्हा अगले महीने रिटायर होने वाले हैं और उनकी मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं. दूसरी तरफ प्रशांत भूषण उनके खिलाफ जिस तरह पिल पड़े हैं, लगता है कि अपने करियर के आखिरी पड़ाव में सिन्हा भारी मुसीबत में फंस जायेंगे.