चार दिन बाद 26 नवंबर को जब राज्य में मद्य-निषेध दिवस मनाने के लिए मुख्यमंत्री अखबारों में अपील जारी करेंगे तो लोग शराब बंदी के उनके वादे पर सवाल पूछेंगे. क्या सरकार अपना वादा पूरा करेगी?

wine

 विनायक विजेता

राज्य कि महिला मतदाताओं ने महागठबंधन के प्रत्याशियों को जिस तरह बढ़-चढ़कर वोट दिया उसका मुख्य कारण चुनाव पूर्व नीतीश कुमार की पटना के एस के मेमोरियल हॉल में आयोजित एक समारोह में वह घोषणा थी जिसमें उन्होंने कहा था कि अगली बार ‘सत्ता में आए तो शराब बंदी लागू की जायेगी’

नीतीश कुमार ने यह घोषणा महिला स्वयं सहायता समूह के एक आयोजित कार्यक्रम में तब की थी जब कार्यक्रम के दौरान काफी महिलाओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराब के कारण बरबाद हो रहे परिवारों की ओर ध्यान आकृष्ठ कर बिहार में पूर्ण शराबबंदी की मांग की थी.

3300 करोड़ की क्षति

शराब बंदी का कानून लागू करना वैसे दो कारणों से आसान नहीं है- पहला शराब की बिक्री से राज्य को प्रति वर्ष 3300 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति होती है. यह प्राप्ति कुल राजस्व के दस प्रतिशत से अधिक है. ऐसे में सवा है कि राज्य में विकास के लिए इतनी बड़ी रकम के खत्म होने का क्या विक्लप होगा. दूसरी समस्या शराब के लत लगे लोगों की जरूरतों का है जो किसी भी हाल में शराब पीने से बाज नहीं आ सकते.

अब देखना है कि चुनाव पूर्व महिलाओं से किए गए वादे को पूरा करते हैं या फिर प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 26 नवंबर को मनाए जाने वाले ‘मद्द निषेध दिवस’ पर अपना रटा-रटाया संदेश देकर अपने खोखले वादे की इतिश्री कर लेते हैं.

 

 

अब देखना यह भी है कि नीतीश सरकार इस दिशा में क्या काम करती है.

By Editor

Comments are closed.


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427