पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने जदयू महासचिव केसी त्यागी के बयान पर नमक छिड़कर दिया है। उन्होंने श्री त्यागी की अधिकार सीमा को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। श्री तिवारी ने आज जारी बयान में कहा कि श्री त्यागी ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अमर्यादित एवं अशिष्ट भाषा में चेतावनी दी है। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि मुख्यमंत्री के विरुद्ध ऐसी भाषा के प्रयोग और चेतावनी का अधिकार उनको किसने दिया है।
श्री तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ संपर्क यात्रा से लौटकर केसी त्यागी द्वारा मुख्यमंत्री को दी गयी चेतावनी इस तरह का है, जैसे कोई साहब अपने मातहत को चेतावनी दे रहा हो। हालांकि संदेह की गुंजाइश नहीं बनती कि त्यागी जी ने मुख्यमंत्री के प्रति नीतीश कुमार की भावनाओं को ही प्रकट किया है। श्री तिवारी ने कहा कि दूसरी ओर पार्टी अध्यक्ष शरद यादव मुख्यमंत्री के प्रति सहानुभूति का इजहार कर रहे हैं। उनकी बात से ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री के बयानों के सन्दर्भ में शरद और नीतीश एक धरातल पर नहीं हैं। मुख्यमंत्री के सन्दर्भ में पार्टी का रुख क्या है, इसको स्पष्ट किया जाना चाहिए। श्री तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री को भी अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए।
इस बीच मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि उन्हें ने कोई चेतावनी मिली है और न कोई अल्टीमेटम में। इस प्रकार खबरें निराधार और तथ्यों के हटकर हैं। आज पटना में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बिना किसी बाधा के विकास कार्यों में जुटी हुई है।