लोकतांत्रिक जनता दल के संरक्षक शरद यादव ने आज आरोप लगाया कि देश में अघोषित आपातकाल लागू है तथा मोदी सरकार लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास कर रही है और कहा कि इसका राजनीतिक दलों को जमकर विरोध करना चाहिए। श्री यादव ने नई दिल्ली में पार्टी के स्थापना सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी से देश में दहशत का माहौल बना दिया है और इसके कारण सभी राजनीतिक दल भी चुप हैं। सरकार के मंत्री भी डरते हैं और उचित बात सार्वजनिक रुप से नहीं कर पाते हैं। संविधान ने लोगों को वोट और बोलने की आजादी दी है लेकिन मोदी सरकार की कार्यशैली से यह खतरे में पड़ती जा रही है ।
समाजवादी नेता ने कहा कि कर्नाटक में 55 प्रतिशत लोगों ने भाजपा के खिलाफ वोट दिया है और उसे 104 सीटें मिली है जबकि कांग्रेस और जनता दल (एस) को 117 सीटे मिली है, इसके बावजूद भाजपा सरकार को शपथ दिलायी गयी है । मणिपुर , गोवा और मेधालय में कांग्रेस को अधिक सीटें थी, इसके बावजूद कम सीट रखने वाली पार्टियों की सरकार बनवा दी गयी । बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ा दल था, लेकिन उसकी सरकार बनवाने के बजाय जनता दल (यू ) के नेता नीतीश कुमार की सरकार गठित करवा दी गयी ।
श्री यादव ने कहा कि अटल -आडवाणी के समय भाजपा का राष्ट्रीय एजेंडा था यह पार्टी नीतियों पर चलती थी । अटल बिहारी सरकार केवल एक वोट से गिर गयी थी और उन्होंने नैतिकता के कारण इस्तीफा दे दिया था। आज नैतिकता नाम की कोई चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रति वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था और अब जब यह मुद्दा उठाया जाता है तो उन्हें पकौड़ा तलने की सलाह दी जाती है । मोदी सरकार के चार साल के शासन के दौरान आठ करोड़ युवाओं को रोजगार मिलता तो इससे समाज के दलित ,पीड़ित और कमजोर वर्ग के लोंगों को भी फायदा होता । उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के शासनल के दौरान 4600 युवाओं ने आत्महत्या कर ली है । उन्होंने कहा कि यह सरकार तमाम वादे भूल गयी है और हिन्दू मुसलमान में दंगा कराकर सत्ता में बने रहना चाहती है । हाल में कर्नाटक में भी दंगा कराने का प्रयास किया गया लेकिन वह सफल नहीं हुआ । उन्होंने इसके लिए वहां की जनता को बधाई दी ।