सूचना देने से इनकरा करने पर 25 हजार का जुर्माना देने से बचने के लिए उत्तर प्रदेश की आईजी ( कार्मिक) तनुजा श्रीवासत्व ने सूचना आयोग से गुहार लगायी है.
ध्यान रहे कि तनुजा ने आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अपने काव्य संग्रह आत्मादर्श से सम्बंधित सूचनाएँ डीजीपी कार्यालय से मांगी जिसे डीजीपी कार्यालय की आईजी कार्मिक तनूजा श्रीवास्तव ने यह कह कर मना कर दिया कि इस सम्बन्ध में गृह विभाग द्वारा निर्णय लेने के बाद ही सूचना दी जायेगी.
मुख्य सूचना आयुक्त रणजीत सिंह पंकज ने इसे पूर्णतया अनुचित कारण मानते हुए तनूजा श्रीवास्तव पर आरटीआई एक्ट की धारा 20 के तहत 25,000 रुपये जुर्माना लगाया था.
लेकिन अब तनूजा श्रीवास्तव ने दंड माफ़ी के लिए आयोग में अर्जी लगाई है जिसमे उन्होंने यह कहा है कि सूचना इसीलिए नहीं दी गयी थी क्योंकि “प्रकरण प्रशासनिक प्रकृति का है जिस पर शासन द्वारा निर्णय लिया जाना है” जबकि आरटीआई एक्ट में इस कारण से सूचना रोके जाने का कोई प्रावधान नहीं है.
आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने तनुजा की दंड माफी अर्जी का कड़ा विरोध जताते हुए कहा है कि
यह आरटीआई एक्ट का खुला उल्लंघन करने पर तनुजा पर प्रशासनिक कार्यवाही होनी ही चाहिए और आयोग को किसी भी हाल में उनपर किये गये दंड को वापस नहीं लेना चाहिए.