पार्कस्ट्रीट गैंगरेप कांड के उद्भेदन के बाद ममता की आंखों की किरकिरी बनी चुकी आईपीएस दमयंती सेन अब उनकी आंखों का तारा बन गयी हैं. ममता ने खुद दमयंती को राष्ट्रपति पुरस्कार देने की सिफारिश की है.
दो साल पहले कोलकाता के पार्क स्ट्रीट बलात्कार कांड की जांच में दमयंती सेन की भूमिका से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी नाराज थीं. कहा जाता है कि ममता की इसी नाराजगी का खमियाजा सेन को ट्रांस्फर के रूप में भुगतना पड़ा. वो भी पिछले दो साल में कई बार उन्हें एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता रहा.
वे 1996 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और राष्ट्रपति पुरस्कार पाने वालेन 58 पुलिस अधिकारियों में से एक मात्र महिला अधिकारी हैं.
दमयंती सेन के नाम की सिफारिश खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की है. कई लोगों को यह आश्चर्यजनक लग सकता है कि दमयंती सेन जो मुख्यमंत्री बनर्जी की आंखों में अकसर खटकती रही हैं, के नाम की सिफारिश ममता ने क्यों कर दी. लेकिन खबर है कि अब ममता और दमयंती के बीच के सारे खटपट समाप्त हो चुके हैं.
खबर यह भी है कि दिल्ली से इस बात की खास ताकीद की गयी थी कि पिछले साल पश्चिम बंगाल से एक भी अधिकारी का नाम राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए राज्य सरकार ने नहीं भेजा था. इस लिए इस बार यह खास निर्देश था कि राज्य सरकार वहीं गलती न दोहराये और इस बार समय पर लिस्ट भेज दे.
दो साल पहले दमयंती सेन तब अचानक सुर्खियों में आईं थी जब पार्कस्ट्रीट गैंग रेप का उद्भेदन करने के बाद उन्हें अचनाक राज्य सरकार ने तबादल कर दिया. तब वह कोलकाता में ज्वाइंट कमिश्नर आफ पुलिस के पद पर थीं.
दमयंती 1996 बैच की आईपीएस हैं और सीआईडी की डीआईजी हैं. उन्हें 15 अगस्त को प्रणव मुखर्जी के हाथों यह पुरस्कार दिया जायेगा.
इस गैंग रेप मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कहा था कि बलात्कार की यह ‘घटना सजायी गयी’ थी और इस घटना के बहाने राज्य सरकार को बदनाम किया गया था.
मुख्यमंत्री के इस बयान से काफी हंगामा हुआ था.
रेप पीड़िता ने तब दमयंती सेन के बारे में कहा था कि उन्होंने मेरे लिए एक शेरनी की तरह लड़ाई की.
लेकिन अब जबकि ममता बनर्जी ने दमयंती के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए कर दी है, लगता है ममता बनर्जी और दमयंती के सबंधम नार्मल हो चुके हैं.