एक संतान की चहत में माँ बाप न जाने कितनी मन्नतें करते हैं लेकिन दुःख तब होता है जब बाग़बान की कहानी सिनेमा के पर्दे से उतर कर हकीकत में परिवर्तित हो जाती है.

महफूज रशीद, बेगूसराय से
कुछ ऐसा ही वाकया नजर आया बेगुसराय जिला के छौड़ाही प्रखंड के एजनी पंचायत के ग्राम कचहरी में, जहाँ चार बेटों के पिता को कोई भी पुत्र अपने पास रखने को तैयार नही हो रहा था लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए पंचायत के सरपंच ने ऐसी युक्ति लगा दी जिससे अपने ही घर से बेघर हो रहे वृद्ध पिता को शरण मिल गया.
दरअसल हुआ यह कि एजनी गांव निवासी सुखदेव साहू के चार पुत्रों श्रवण साहु, शिव जी साहु,दशरथ साहु और जितेंद्र साहु में जमीन का कुछ विवाद था।इसी मामले को लेकर ये लोग सरपंच के पास पहुंच।इसी बंटवारे के क्रम में पिता ने अपने चारों बेटों में से किसी एक के पास रहने की इच्छा जाहिर की जिसके लिए चारों पुत्र आनाकानी करने लगे।
मामला गम्भीर होता देख सरपंच शौकत अली ने बुद्धिमता का परिचय देते हुए ऐसी युक्ति निकाल ली जिसे सुनकर उपस्थित सभी ग्रामीण ख़ुशी से गद गद हो गए।सरपंच ने उपस्थित लोगों के बीच बाप के रहने की व्यवस्था को लेकर चारों पुत्रों के बीच लॉटरी करवाने की सलाह दी और वहां उपस्थित सभी ग्रामीणो के बीच लॉटरी करा दी।जिसमे मंझले बेटा शिवजी साहू का नाम आया।ग्राम कचहरी के सरपंच ने बूढ़े बाप को रखने की पूरी जिम्मेदारी मंझले बेटा को दे दी।