पटना के नौबतपुर के रौनिया गांव में महादलितों को मंदिर प्रवेश पर स्थानीय लोगों द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने की खबर से प्रशासन के गलियारे में हड़कम्प मच गया है.
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सूचना मिलते ही प्रमंडलीये आयुक्त इएलएनएस बाला प्रसाद, जिलाधिकारी एन सरवन कुमार, एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी जयंत कांत समेत कई वरीय पदाधिकारी एवं आसपास के थानों की पुलिस वहां पहुंच गई.
इस मामले में लापरवाही बरतने पर स्थानीय राज्सव कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है. गांव के दलितों का आरोप है कि पिछले कई महीनों से स्थानीय लोगों ने मंदिल में जा कर पूजा अर्चना करने से रोक दिया है.
स्थानीय दलितों और दबंगों के बीच झगड़े की वजह यह भी है कि नीरज कुमार नाम के व्यक्ति ने दलितों के घरों के निकट अपनी जमीन पर गड्ढा खोद दिया है जिसके कारण कई घर ढहने के कगार पर पहुंच गये हैं.
ऊपर से मंदिर में प्रवेश जैसे संवेदनशील मामले ने प्रशासनिक हलके में कोहराम मचा दिया. इसके बाद आला प्रशासनिक अधिकारी आनन फानन में रौनिया गांव पहुंचे और दोनों पक्षकों के लोगों के बीच सुलह सपाटा कराने का प्रयास किया.
इस मामले में नौबतपुर प्रखंड के सीईओ सुषमा शर्मा के बयान पर नीरज कुमार समेत तीन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. दलित बस्ती के राम नाथ मांझी और रामवृक्ष मांझी ने आरोप लगाया कि स्थानीय दबंग लोग उनकी धार्मिक और सामाजिक अधिकारों पर पूरी तरह पाबंदी गा कर प्रताड़ित कर रहे हैं.
इस मामले में एसएसपी मनु महाराज ने कहा है कि मामले की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी. इधर पटना के डीएम सरवण कुमार ने स्थानीय दलितों को आश्वस्त किया है कि उनके साथ नाइंसाफी नहीं होने दी जायेगी. उन्होंने कहा कि उन्हें मनरेगा, इंदिरा आवास योजना समेत अन्य सामाजिक सुरक्षा मुहैया करायी जायेगी.
इस सामाजिक कार्यकर्ता सुदा वर्गीज ने कहा है कि रौनिया गांव के लोगों को स्थानीय दबंग लोग भारी शोषण का शिकार बनाते हैं. उन्हें मारा-पीटा भी जाता है.
इधर रौनिया के स्थानीय लोगों ने इस बात का पुरजोर खंडन किया है कि वे दलितों को मंदिर में जाने से रोकते हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ लोग दलित के नाम मामले को संवेदनशील बनाने पर तुले है और अफवाह फैला रहे हैं कि उन्हें मंदिर में प्रवेश से रोका जा रहा है.
Comments are closed.