पटना के एनएमसीएच में हुए 1.60 करोड़ रुपये के दवा घोटाले की जांच विजिलेंस ब्यूरो ने शुरू कर दी है. सोमवार को निगरानी की टीम ने दवार, उपकरण और रसायन खरीद से मुतल्लिक दस्तावेज जब्त किये.
इस जांच दल का नेतृत्व निगरानी एसपी एके राय कर रहे हैं.
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इस घोटाले में एनएमसीएच यान नालंदा मेडिकल कॉलेज ऐंड हास्पिटल के तत्कालीन अधीक्षक डॉ एनपी यादव और दवा आपूर्ति करने वाली एजेंसियों समेत 14 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
यह घोटाला 2008-2010 के दौरान का है. विजिलेंस की टीम पहले इस घोटाले की हकीकत से पर्दा हटाने में लगी. जब उसे घोटाले का पूरा मामला स्पष्ट लगा तब उसने 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. विजिलेंस के अनुसार आपूर्तिकर्ताओं ने अपने परिजनों के नाम से ही अलग-अलग टेंडर डाले. विजिलेंस को यह भी पता चला है कि इन तमाम मामलों में एनएमसीएच का मैनेजमेंट भी शामलि रहा.
इन कम्पनियों पर हुआ है घोटाले में शामिल होने का मामला दर्ज