बिहार विधान सभा की रिक्त हुई 10 सीटों पर चुनाव की घोषणा कर दी गयी है। 21 अगस्त को मतदान होगा और 26 को मतगणना होगी। लेकिन ये दस सीट यह बताने के लिए पर्याप्त होंगे कि आगामी विधान सभा चुनाव की हवा किस दिशा में बह रही है। ये सभी सीट विधायकों के इस्तीफे से रिक्त हुंए हैं।
बिहार ब्यूरो
करीब 20 साल बाद राजद के लालू यादव व जदयू के नीतीश कुमार एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे । दस सीटों पर दावेदारी का संघर्ष होना बाकी है। लेकिन दावा और आपत्तियों के बीच राजद के 6 सीट और जदयू के 4 सीट पर लड़ने की संभावना है। भाजपा के गठबंधनों के बीच सीट को लेकर कोई दावा-प्रतिदावा नहीं है। सभी सीटों पर भाजपा ही चुनाव लड़ेगी ।
पिछले एक साल में बिहार का गणित तेजी से बदला है। दुश्मन दोस्त बन गए तो दोस्त दुश्मन। सत्ता के सहभागी भाजपा व जदयू अलग-अलग हो गए तो वर्षों के दुश्मन लालू-नीतीश के एक छतरी के नीचे आ गए। पार्टियों का ही नहीं, जातियों का भी गणित बदल गया है । सवर्णों का पूरा खेमा नीतीश का साथ छोड़ चुका है और वह अब भाजपा का कमल को संवारने में जुट गया है। अतिपिछड़ों का बड़ा खेमा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए भाजपा के साथ थी। यह खेमा विधानसभा चुनाव में भी भाजपा से जुड़ी रहेगी। विश्वासपूर्वक नहीं कहा जा सकता है । महादलितों की आस्था जीतनराम मांझी के कारण जदयू-राजद के साथ ही होगी। इसमें भी शक है। लेकिन इतना तय है कि बदले हुए राजनीतिक व सामाजिक समीकरण में बिहार राजनीतिक की एक नयी व्याख्या जरूर गढ़ेगा ।
जिन दस विधान सभा चुनाव में उपचुनाव हो रहा है, उसका पिछला रिकार्ड देंखे तो राजनीतिक परिदृश्य को समझने में मदद मिल सकती है । पिछले विधान सभा चुनाव में नरकटियांगज में भाजपा के सतीश चंद्र दुबे ने कांग्रेस के अशोक कुमार वर्मा को 20228 मतों से पराजित किया था। राजनगर में राजद के रामलखन राम रमण ने भाजपा के रामपृत पासवान को 2459 मतों से पराजित किया था। जाले में भाजपा के विजय कुमार मिश्रा ने राजद के रामनिवास प्रसाद को 16942 को मतों से शिकस्त दिया था । छपरा में भाजपा के जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने राजद के प्रेमेंद्र रंजन सिंह को 35871 मतों से पराजित किया था। हाजीपुर में भाजपा के नित्यानंद राय ने लोजपा के राजेंद्र राय को 16609 वोटों से पराजित किया था । मोहिउद्दीनगर में भाजपा के राणा गंगेश्वर सिंह ने राजद के अजय कुमार बुलगानीन को 14351 वोटों से शिकस्त दी थी । परबत्ता में राजद के सम्राट चौधरी ने जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह को 808 वोटों से पराजित किया था। भागलपुर में भाजपा के अश्विनी चौबे ने कांग्रेस के अजीत शर्मा को 11060 वोटों से पराजित किया था । बांका में राजद के जावेद इकबाल अंसारी ने भाजपा के राम नारायण मंडल को 2410 वोटों से हराया था । मोहनियां में जदयू के छेदी पासवान ने राजद के निरंजन राम को 2525 वोटों से हराया था।
इससे स्पष्ट होता है कि इन दस सीटों में पिछले विधान सभा चुनाव में छह पर भाजपा, तीन पर राजद व एक पर जदयू का कब्जा था। उसी प्रकार दूसरे स्थान पर रही पार्टिंयों को देंखे तो 4 पर राजद, 2 पर भाजपा, 2 पर कांग्रेस, 1-1 पर लोजपा और जदयू रही थीं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जदयू-रादज के बीच तालमेल किन अंकों तक पहुंचता है और रालोसपा के उपेंद्र केुशवाहा व रामविलास पासवान भाजपा को कितना वोट दिलवा पाते हैं।