दादरी में गोमांस की अफवाह उड़ाने सच्चाई सामने आ गयी है. मांस की जांच के बाद यह खुलासा हुआ है कि वह बकरे का था. इस जांच रिपोर्ट के बाद भाजपाइयों के चेहरे पीले पड़ गये हैं.
इंकलाब अखबार की खबर में उच्चपदस्थ अफसरों के हवाले से बताया गया है कि मथुरा की प्रयोगशाला में जांच से गोश्त के जो प्रोटीन मिले हैं उससे यह स्पष्ट हो गया है कि मृतक अखलाक के फ्रीज से जो मांस जांच के लिए भेजा गया था वह बकरे का था.
गौरतलब है कि दादरी के बेसहड़ा गांव में दो हफ्ते पहले एक मंदिर के लाउडस्पीकर से यह अफवाह उड़ाते हुए ऐलान किया गया था कि अखलाक के घर में गाय का मांस परोसा जा रहा है. उसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग एकट्ठे हो गये,फिर अखलाक को खीच कर बाहर निकाला गया और उन्हें ईंट पत्थरों से कूट कूट कर मार डाला गया.
इतना ही नहीं उनके बेटे को भी अधमरा कर दिया गया. जबकि अखलाक की बेटी लगातार कह रही थी कि उसके फ्रीज में रखा बकरीद के अवसर पर बनाया गया बकरे का गोश्त है. उनकी बेटी ने उसी वकत दावा किया था कि अगर साबित हो जाये कि वह बकरे का गोश्त है तो क्या लोग उसके मरे पिता को जिंदा वापस कर देंगे?
इस घटना के बाद दस लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें आठ आरएसएस और भाजपा के स्थानीय नेता या कार्यकर्ता हैं.
इस जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद आरएसएस और भाजपा के नेताओं संगीत सोम, साध्वी प्राची जैसे जहरीले बयानबाजों की जुबान बंद होगी इसकी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि ये तमाम नेता घृणा का जहर फैलाने के लिए फिर कोई अफवाह उड़ा सकते हैं.
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