एक इंटर्न वकील स्टेला जेम्स ने ब्लॉग लिख कर सनसनी फैलाई है कि सुप्रीमकोर्ट के कई जज अपने दफ्तर में जूनियर का यौन शोषण करते हैं. मामला को गंभीर मान सुप्रीम कोर्ट ने जांच शुरू कर दी है.
एक ब्लाग ‘जर्नल ऑफ इंडियन लॉ ऐंड सोसाइटी ‘ में स्टेाला जेम्स के इस रहस्योद्घाटन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीटय कमेटी का गठन कर दिया है.
इस कमेटी में तीन जज रखे गए हैं, जो आरोपों की जांच करेंगे.
स्टेला जेम्स ने 6 नवम्बर को अपलोड किये गये अपने अनुभवों पर आधारित अपने लेख का शीर्षक दिया है- “थ्रू माई लुकिंग ग्लास”. जेम्स ने अपने ब्लाग की शुरुआत करते हुए लिखा है कि कभी कभी सबसे कठिन चीजें लिखना बहुत जरूरी होती हैं.
ब्लॉसग में सुप्रीम कोर्ट के कई जजों पर लड़कियों के यौन शोषण का सनसनीखेज आरोप स्टेला जेम्स ने लगाया है. इसमें ब्लॉकगर ने खुद को एक जज के हाथों यौन शोषण का शिकारबताया है और संक्षेप में अपनी आपबीती बयां की है.साथ ही, यह भी दावा किया है कि उस जज ने तीन अन्य लड़कियों का यौन शोषण किया. उनका यह भी दावा है कि वह चार और लड़कियों को जानती हैं जिनका अलग-अलग जजों ने अपने चैंबर में ही यौन शोषण किया.
स्टेला ने अपनी आपबीती को आगे बढ़ाते हुए कई दिल दहलाने वाली बातें लिखीं हैं. स्टेला जेम्स ने लिखा है कि उनके दादा की उम्र के जज ने उस समय दिल्ली के होटल के कमरे में उनका यौन शोषण किया जब दिल्ली सहित पूरे देश में ‘दामिनी’ के गैंगरेप के बाद बलात्कारियों के खिलाफ आक्रोश फैला हुआ था.
6 नवंबर को लिखे इस ब्लॉीग में लेखक ने बताया है कि जिस जज ने उनका यौन शोषण किया, वह हाल ही में रिटायर हुए हैं.
इधर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का काफी गंभीर मानते हुए न्यायाधीश के खिलाफ लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिये मंगलवार को तीन न्यायाधीशों की समिति गठित कर दी है.न्यायमूर्ति आरएम लोढा, न्यायूमर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की सदस्यता वाली यह समिति जांच करेगी. इस मामले में प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि संस्थान के मुखिया के नाते मैं इन आरोपों के बारे में चिंतित हूं और व्याकुल हूं.
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