मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की परेशानी घटने का नाम नहीं ले रही है। हर दिन नयी परेशानी खड़ी हो जाती है। नीतीश कुमार के साथ विवादों से अभी उबर भी नहीं पाए थे कि ‘दामाद ग्रह’ में फंस गए हैं। दामाद को पीए और भगिना को चपरासी बनाने का मुद्दा इतना गहरा गया है कि पार्टी की ओर से कोई बोलने को तैयार नहीं है। इस बीच विपक्षी भाजपा ने उन पर हमला तेज कर दिया है। इस मुद्दे पर सुशील मोदी ने सीएम पर मुकदमा दायर करने और इस्तीफे की मांग तक कर दी है।
नौकरशाहीडॉटइन डेस्क
पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पत्रकारों कहा कि श्री मांझी के दामाद देवेन्द्र कुमार को निजी सहायक तथा भांजा सत्येन्द्र कुमार को आदेशपाल के पद पर नियुक्ति सोची समझी रणनीति के तहत की गयी। इस तरह की नियुक्ति सिर्फ भ्रष्ट आचरण की गोपनीयता को बनाये रखने के उद्देश्य से ही किया गया। श्री मोदी ने कहा कि राज्य सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग की ओर से वर्ष 2000 में जारी एक आदेश के अनुसार मुख्यमंत्री और मंत्री को शपथ पत्र देना पड़ता है, जिसमें किसी भी सगे-संबंधी को आप्त सचिव या फिर अन्य निजीकर्मी के रूप में नियुक्त नहीं किये जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि साथ ही आदेश में यह भी कहा गया है कि अंजाने में सगे-संबंधी की नियुक्ति होने पर तत्काल प्रभाव से उसे समाप्त करने और आवश्यक कार्रवाई के लिये मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग को सूचित करना है ।
श्री मोदी ने कहा कि हाल के दिनों में श्री मांझी और श्री कुमार के बीच रिश्ते अच्छे नहीं है और इसी को लेकर श्री कुमार के करीबी नेताओं ने श्री मांझी के शपथ पत्र को सार्वजनिक कर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे श्री कुमार के करीबी नेता श्री मांझी पर इस्तीफा देने का दवाब बना सकेंगे। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के दौरान जदयू के वरिष्ठ नेता और पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह के नेतृत्व में पार्टी के बारह मंत्री दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव से भेंट की थी। जदयू के नेता पूर्व मुख्यमंत्री श्री कुमार के पक्ष में पार्टी के अंदर माहौल बनाने में लगे हुए है । उन्होंने कहा कि श्री कुमार और श्री मांझी के बीच चल रहे आपसी विवाद के कारण बिहार का विकास बाधित हो रहा है ।
(तस्वीर: सीएम के दामाद देवेंद्र मांझी की)