बिहार में अवैध दारू का धंधा दिन दुगुणा रात चौगुना फैल रहा है. कमाई की संभावनाओं को देखते हुए सैकड़ों युवक भी इस कारोबार में कूद रहे हैं.
दीपक मंडल
इसमें उन्हें नौकरशाहों से काफी मदद भी मिल रही है. नतीजा यह है कि कोई भी प्रशासनिक कार्रवाई इस काले धंधे को रोक पाने में विफल रही है. छापा पड़ने से पहले ही शराब धंधेबाज भाग जाते हैं क्योंकि उन्हें पहले ही बता दिया जाता है.नतीजतन कुछ पाउचों की बरामदगी तक मामला रफा दफा भी हो जाता है.
ग्रामिण क्षेत्रो और शहर में कई जगह तो दिन भर खुले आम शराब के पाउच अवैध रूप से बेचे जा रहे हैं.जहाँ शराब की प्रमाणित दुकान नही है वैसे ग्रामिण क्षेत्रो और शहर में मोहल्ला, गली,सहित नालियों तथा आम रास्तों में कूड़े-कचरे के ढेर पर रखकर बेची जा रही.
अब तो हालत यह हो गयी है कि आम आदमी देसी दारू का सेवन कर आसानी से बिमारी का शिकार भी हो रहे हैं.अनेक परिवारों की स्थिती खराब हो रही है. क्योकि इनका कमाऊ आदमी नाकाम हो जाता है और पैसे के आभाव मै इन परिवारों के बच्चे अभाव का शिकार हो रहे हैं. जिसके कारण इनका बचपन परिवारो के बोझ तले दबकर रह जाता ऐसे परिवार के बच्चे शिक्षा से वंचित और गलत संगत मै आ जाते हैं.
नैहरु युवा केन्द्र पटना के बिपिन कुमार कहते की सरकार युवाओं के विकास के लिऐ अनेक प्रकार की योजना चलती है परन्तु अवैधध शराब और बिहार की शराब निति के कारण वे बर्बाद हो रहे हैं और उनके लिए लागू की जाने वाली योजना सफल नही हो रही है.
महिला फुटबाल टीम की कप्तान शबनम आरा का माना है की शराब के अवेध धंधे के कारण गलियों और चौक चौराहों पर आए दिन शरारती तत्वों व असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. शराबियों द्वारा शराब पीकर आने -जाने वालों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है. अवैध शराब के कारण शराब प्रेमी आम रास्तों पर ही इसका सेवन कर खाली पाउच को रास्ते में ही फेंक देते है
Comments are closed.