दिल्ली नगर निगम चुनाव की तैयारियों के रंग में रंगता जा रहा है.उधर बिहारी मतदाता और नेता अपनी नुमाइंदगी सुनिश्चित करने के लिए मीटिंगों का दौर शुरू कर चुके हैं.
दिल्ली में म्युन्सिपल कारपोरेशन का चुनाव अभी घोषित नहीं हुआ है लेकिन उम्मीदवार टिकट पाने के लिए अपना ज़ोर लगाये हुए हैं। पूरी दिल्ली भावी प्रत्याशियों के पोस्टर और बैनर से पटी पड़ी है। पिछले तीस सालों में दिल्ली में बसने वाली नयी आबादियों में सबसे पढ़ी लिखी आबादी जामिया नगर में बस्ती है। जामिया नगर के वार्ड नंबर 100 और 102 में बिहार से आकर बसे लोगों की बड़ी आबादी है। वार्ड नंबर 100 में लगभग 30 प्रतिशत और वार्ड नंबर 102 में लगभग 40 प्रतिशत बिहारी मूल के लोग रहते हैं।
ज्ञात हो की दिल्ली की राजनीती में बिहार के लोगों को उनका उचित हिस्सा कभी नहीं मिला। दिल्ली में राजनीती करने वाली दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां कांग्रेस और भाजपा ने बिहारियों को दिल्ली की राजनीती में उनका वाजिब हक़ कभी नहीं दिया। इस बात को आम आदमी पार्टी ने भुनाया लेकिन सत्ता में आने के बाद पार्टी नेतृत्व ने बिहारी आबादी को भुला दिया। लेकिन इस बार बिहारी मतदाताओं ने ठान लिया है कि वे सिर्फ मतदाता ही नहीं रहेंगे, बल्कि निगम में मजबूत नुमाइंदगी भी दर्ज करायेंगे.
जामिया नगर की राजनीती में भी बिहारियों के साथ कुछ वैसा ही व्यवहार होता रहा है जैसा पूरी दिल्ली में हो रहा था. इस बात का दर्द इस इलाक़े के दोनों ही वार्ड में लोगों से बात करते ही उनके दिल से निकल कर उनकी ज़ुबान पे छलक उठता है।
बिहार के लोगों की दो – तीन मीटिंग आने वाले चुनाव के सिलसिले में इस इलाक़े में हो चुकी है. सवाल एक ही है , “कौन सी पार्टी दे रही है बिहारियों को उचित सम्मान “. दिल्ली की राजनीती में नयी नयी कूदी ओवैसी की मीम भी बिहारियों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। ज्ञात हो की बिहार के पिछले विधानसभा चुनाव में किस्मत आज़मा चुकी मीम दिल्ली के चुनाव में बिहारी वोट लेकर एक बार फिर से लालू – नितीश को चुनोती देने का अरमान दिल में पाले बैठी है लेकिन उसका ये अरमान कितना पूरा हो सकेगा इसका खुलासा तो दो महीने बाद ही हो पायेगा।