पटियाल हाउस अदालत परिसर में कल मीडियाकर्मियों की हुई पिटाई के खिलाफ आज यहां इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया से जुड़े पत्रकारों ने विरोध मार्च निकाला और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में पत्रकारों ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब मीडियाकर्मियों को पीटा जा रहा था। वहां मौजूद पुलिस मूक दर्शक बन कर खड़ी थी। मीडिया में आ रही खबरों में कल की घटना के बारे में विस्तार से सबकुछ दिखाया गया है। इसमें यह भी दिख रहा है कि किस तरह महिला पत्रकारों के साथ की दुर्व्यवहार किया गया। दिल्ली पुलिस आयुक्त द्वारा कल की घटना को अचानक शुरु हुई झड़प बताए जाने पर गंभीर चिंता जताते हुए ज्ञापन में कहा गया कि पुलिस का इस तरह का आंकलन उन लोगों को शह देगा, जो देश के कानून की परवाह नहीं करते।
प्रेस क्लब के नेतृत्व में आयोजित इस विरोध मार्च में कई ऐसे वरिष्ठ और युवा पत्रकार भी शामिल हुए जो कल अदालत परिसर में हुई घटना के प्रत्यक्ष गवाह रहे थे। पत्रकारों ने उनके ऊपर हुए हमले को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कड़े शब्दों में इसकी निंदा की और कहा कि इस तरह की कार्रवाई को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकारों ने हमलावरों को जल्दी गिरफ्तार किए जाने की मांग में नारे लगाए। इस दौरान दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी के खिलाफ भी नारेबाजी हुई।