केंद्रीय गृह मंत्रालय की जारी अधिसूचना के बाद अनिंदो मजूमदार ने प्रधान सचिव के रूप में वापसी करने के साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुलाकात की।
श्री मजूमदार ने उपराज्यपाल नजीब जंग के निर्देश पर शकुंतला गैमलिन को कार्रकारी मुख्य सचिव नियुक्त करने के संबंध में आदेश जारी किया था जिससे खफा होकर श्री केजरीवाल ने उन्हें पद से हटा दिया था। पदभार संभालते ही श्री मजूमदार ने श्री केजरीवाल से मुलाकात की।
सुश्री गैमलिन की नियुक्ति के बाद ही उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों की लड़ाई शुरू हो गयी थी, लेकिन गृह मंत्रालय ने आज पूरे विवाद को नया रूख देते हुए अधिकारियों के तबादले और नियुक्तियों का पहला अधिकारी उपराज्यपाल का बताया। यह अधिसूचना श्री केजरीवाल के लिए करारा झटका मानी जा रही है। इसमें उपराज्यपाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री के अधिकारों को साफ तौर पर निर्देशित किया गया है। इसके मुताबिक “केन्द्र सरकार से जुड़े अधिकारियों के तबादले और नियुक्तियों के मामले में पहला अधिकार उपराज्यपाल के पास है। जमीन, पुलिस और प्रशासन से जुड़े फैसले उपराज्यपाल ही ले सकते हैं। उपराज्यपाल चाहे तो दिल्ली सरकार से सलाह ले सकते हैं, लेकिन वे ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं है।