स्टॉकहोम के पुरुस्कृत फ़ोटोग्राफ़र मैगनस वेनमैन ने मिडिल-ईस्ट और यूरोप में सीरियाई रिफ्यूजी बच्चों की कुछ भावुक कर देने वाली तस्वीरें ली हैं. इन तस्वीरों के द्वारा वो बताना चाह रहे हैं कि सीरियाई समस्या के कारण रेफ्यूजीज़ यूरोप और मिडिल-ईस्ट देशों में बहुत ही बर्बर स्थिति में रह रहे हैं. ‘वेयर थे चिल्ड्रन स्लीप’ नाम की इस सीरीज़ में आप देखेंगे कि सीरियाई बच्चों को नींद भी बड़ी मुश्किल से नसीब हो रही है. इसान रत्नम गजब पोस्ट डॉट कॉम से
नाम: मारम
उम्र: 8 साल
जगह: अम्मान “बिस्तर तो है, पर आंखों में फिर भी डर है…”
नाम: अहमद
उम्र: 7 साल
जगह: होर्गोस
“बस्तों में बस रहे हैं कुछ मासूम आंसू…”
नाम: आमिर
उम्र: 20 महीने
जगह: ज़ाहले फ़ायदा
“खिलौनों की जगह हाथों में है अपनों का कफ़न”