केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा और भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के निम्न स्तरीय संस्कृति ज्ञान का आलम यह है कि उन्होंने ईसा मसीह को सूली पर लटकाये जाने पर हैपी गुडफ्राइडे का संदेश दे दिया. इन नेताओं के इतना कहने पर ट्विटर पर उन दोनों नेता की भारी फजीहत उठानी पड़ी. लोगों ने इन दोनों नेताओं की जानकारी का चित्थड़ा-चित्ड़ा उड़ा दिया. बाद में इन दोनों नेताओं को इतना शर्माशार होना पड़ा कि मजबूर हो कर उन्होंने अपना ट्विट संदेश मिटा दिया.
गौरतलब है कि महेश शर्मा संस्कृति मंत्री हैं. ट्विटर फालोअर्स ने उनके सांस्कृतिक ज्ञान पर सवाल खड़ा करते हुए यहां तक कह दिया कि वह संस्कृति मंत्री के लायक नहीं हैं.
दर असल गुड फ्राइडे मसीही समाज के लिए दुख का दिन होता है. इसी दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था. इसलिए इस दिन लोग ईसा पर गुजरे कठिन हालात को याद करते हैं और इबादत करते हैं. ऐसे में महेश शर्मा और शाहनवाज हुसैन ने जब गुड विशेज और हैपी गुड फ्राइडे जैसे संदेश ट्विट किये तो उन्हें फालोअर्स द्वारा न सिर्फ भारी फजीहत का सामना करना पड़ा बल्कि कई फालोअर्स ने तो उन्हें अपमानित करने की हद तक चले गये. नवाब मलिक ने शाहनवाज के ट्विट के जवाब में लिखा कि अगर आपने बाइबल नहीं पढ़ा है तो कम से कम कुरान ही पढ़ लीजिए. गुडफ्राइडे का मतलब आपको समझ में आ जायेगा. उन्होंने लिखा कि दुख के इस दिन में अगर आप हैपी गुडफ्राइडे लिखते हैं तो फिर आप के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता.
नौकरशाही डॉट कॉम के सम्पादक इर्शादुल हक ने रामचंद्र गुहा को कोट करते हुए लिखा- रामचंद्र गुहा ने हाल ही में कहा था कि भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे बड़ी एंटी इंटेलेक्चुअल पार्टी है. गुहा के इस बयान के कुछ दिनों बाद ही महेश शर्मा और शाहनवाज हुसैन ने साबित कर दिया कि रामचंद्र गुहा का आकलन सही है.