रॉबर्ट बाड्रा और डीएलएफ जमीन सौदे पर एक आईएएस की कार्रवाई की धार को कुंद करने वाली कांग्रे की अध्यक्ष सोनिया ने गांधी दुर्गाशक्ति मामले में हस्तक्षेप करने के लिए केंद्र सरकार से कहा है.
रॉबर्ट वा़ड्रा सोनिया गांधी के दामाद हैं.
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सोनिया गांधी ने आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर उचित कार्रवाई के लिए प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी है.
इधर सोनिया गांधी की चिट्ठी के बाद पीएमओ हरकत में आया है और उसके बाद कार्मिक विभाग ने यूपी सरकार से दुर्गा शक्ति के निलंबन के बारे में रिपोर्ट मांगी है.
सोनिया ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखी चिट्टी में कहा था, ‘हमें ये देखना होगा कि जो अफसर सही तरीके से काम कर रहे हैं उन्हें सुरक्षा मिल रही है या नहीं. हमें ये भी देखना होगा कि कहीं एक ईमानदार अधिकारी को परेशान न किया जा रहा हो.’
मालूम हो कि दुर्गाशक्ति मामले में चिट्ठी लिखने वाली सोनिया के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पिछले साल अक्टूबर में डीएलएफ के साथ जमीन सौदे में फंसे थे. इस सौदे पर आईएएस अशोक खेमका ने रोक लगा दी थी उसके बाद अशोक खेमका को निबंधन विभाग के महानिदेशक के पद से हटा दिया गया था. तब कई लोगों ने खेमका को जान से मारने की भी धमकी दी थी.
यह मामला कांग्रेस शासित राज्य हरियाणा का था. ऐसे में भाजपा ने सोनिया गांधी को घेरते हुए कहा है कि एक वाड्रा को फंसता देख हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने अशोक खेमका को पद से हटा दिया था. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि सोनिया दुर्गाशक्ति मामले में बोलने की नैतिक जिम्मेदारी नहीं रखती.
हालांकि दुर्गशक्ति के मामले में सोनिया गंधी का हस्तक्षेप इस आधार पर जायज है कि दुर्गश्क्ति ने कोई गलत नहीं किया है.