दो साल पहले अखिलेश सरकार से भिड़ जाने और बालू माफियाओं की नींदें हराम करने वाली आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल एक कार्यक्रम में पटना आयीं और लौट गयीं.
सोमवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा मदरसों में कौशल विकास केंद्र के उद्घाटन के कार्यक्रम में वह शामिल हुईं.
नागपाल कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह की फिलहाल ओएसडी हैं. इस कार्यक्रम में नजमा हब्तुल्लाह के साथ राधा मोहन सिंह और दुर्गा शक्ति नागपाल भी थीं. लेकिन पत्रकारों में आकर्षण का केंद्र दुर्गा शक्ति ही रहीं. दुर्गा शक्ति ने भी पत्रकारों को पोज दिये और तस्वीरें खिचवाईं.
ग्रेटर नोएडा में अवैध खनन पर लगाम कसने के लिए नागपाल युद्धस्तर पर काम कर रही थीं.उन्होंने यमुना नदी से रेत से भरी 300 ट्रॉलियों को अपने कब्जे में किया था. नागपाल ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यमुना और हिंडन नदियों में खनन माफियाओं पर नजर रखने के लिए विशेष उड़न दस्तों का गठन किया था.इस छोटी सी अवधि में अवैध खनन माफियाओं पर जुर्माना लगा कर दुर्गा ने सरकार के खजाने में 82 लाख भरे थे
दुर्गा शक्ति नागपाल जून 2013 में तब सुखर्खियों में आयी थीं जब वह उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर में डीएम थीं. उन्होंने मात्र छह महीने के कार्यकाल में बालू माफियाओं पर काफी कार्रवाई की. इसी घटनाक्रम में उन्हें अखिलाश सरकार ने निलंबित भी कर दिया था. लेकिन वह डटी रहीं. 2014 में जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चली गयीं. वहां उन्हें केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह का ओएसडी बनाया गया.