लोकसभा चुनावों में घोषित प्रत्याशियों की लिस्ट से यह साफ हो गया है कि राजद गठबंधन छोड़ कर तमाम सियासी पार्टियों का मर्दवादी चरित्र खुल कर सामने आ गया है.
इर्शादुल हक, सम्पादक नौकरशाही डॉट इन
दस करोड़ की आबादी वाले बिहार में महिलाओं की संख्या आधी यानी 5 करोड़ है. तमाम पार्टियों को अपनी जीत के लिए महिलाओं के वोट तो चाहिए पर उन्हें वोट देना इन पार्टियों के नेताओं को स्वीकार नहीं है.
वैसे तो यह स्थिति राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन को छोड़ दें तो तमाम पार्टियों की है पर बिहार की उस सत्ताधारी पार्टी जनता दल यू का भी वही हाल है जो स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें रिजर्व करने के गर्वबोध से लबरेज रहता है.
जनता दल यू ने अपने सहयोगी सीपीआई के साथ मिल कर सभी 40 ( 38+2) सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये हैं लेकिन इसने मात्र 2 महिला उम्मीदवार बनाये हैं. ये हैं उजियारपुर से अश्वमेघ देवी और आरा से मीना सिंह. इस प्रकार जद यू गठबंधन ने मात्र 5 प्रतिशत प्रत्याशी महिलाओं को बनाया है.
भारतीय जनता पार्टी ने महिला, दलित और अल्पसंख्यक विरोधी अपने चरित्र को इस बार भी चरितार्थ किया है. जहां भाजपा ने 17 प्रतिशत आबादी वाले मुस्लिम समाज से पोस्टर ब्वॉय के रूप में सिर्फ शाहनवाज हुसैन को उम्मीदवारी दी है वहीं उसने दो महिला उम्मीदवार घोषित किया है.
हालांकि इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल- कांग्रेस गठबंधन ने तमाम पार्टियों के सामने एक नजीर पेश करते हुए 15 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया है. राष्ट्रीय जनता दल ने मीसा भारती को पाटलिपुत्र, कांति सिंह को काराकाट, हीना शहाब को सीवान और राबड़ी देवी को सारण से उम्मीदवार बनाया है. इतना ही नहीं राजद की गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने भी 2 महिला उम्मीदवार उतारा है. कांग्रेस ने मीरा कुमार को सासाराम से और रंजीता रंजन को सुपौल से उम्मीदवार बनाया है.
हालांकि जनसंख्या में महिलाओं की हिस्सेदारी के लिहाज से 15 प्रतिशत का आंकड़ा भी कम ही माना जायेगा.
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी ने महिला, दलित और अल्पसंख्यक विरोधी अपने चरित्र को इस बार भी चरितार्थ किया है. जहां भाजपा ने 17 प्रतिशत आबादी वाले मुस्लिम समाज से पोस्टर ब्वॉय के रूप में सिर्फ शाहनवाज हुसैन को उम्मीदवारी दी है वहीं उसने दो महिला उम्मीदवार घोषित किया है. ये हैं रमा देवी शिवहर से और पुतुल सिंह बांका से.
नोट- यह विश्लेषण अद्यतम लिस्ट के आधार पर है. कुछ नाम घट बढ़ सकते हैं.