जनता दल (यू) के बागी नेता शरद यादव ने आज आरोप लगाया कि गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार बाहरी एजेंसियों से अर्थव्यवस्था की मोहक तस्वीर पेश कर रही है जबकि देश की अंतरिक आर्थिक स्थिति जर्जर हो चुकी है ।
श्री यादव ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मूडीज, विश्व बैंक और अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष भारत को जाने बिना समय समय पर प्रमाण पत्र जारी करते रहते हैं । नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू किये जाने के कारण किसान , मजदूर और छोटे उद्योगों की अर्थिक स्थिति चरमरा गयी है तथा छोटे छाेटे उद्योगों के बंद होने से लाखों नौजवान बेरोजगार हो गये हैं ।
उन्होंने कहा कि बाहरी एजेंसियां अर्थव्यवस्था का ऐसा माहौल बनाने का प्रयास कर रही है कि जैसे यह चरम पर पहुंच गया है । देश के सभी पक्षों के अर्थशास्त्रियों और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मानना है कि आर्थिक स्थिति बदतर हो गयी है और देश के लोग आर्थिक बदहाली से कराह रहे हैं । श्री यादव ने कहा कि सरकार के प्रयास का गुजरात चुनाव पर कोई असर नहीं होगा और लोग सोच समझ कर ही मतदान करेंगे । कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की पार्टियां वहां लोगों को गोलबंद कर रही हैं और इसके अच्छे परिणाम भी दिखने लगे हैं ।