जनगणना 2011 के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के 72.5 प्रतिशत भिखारी हिंदू है जबकि 25 प्रतिशत मुस्लिम हैं. भिखारियों की आबादी के लिहाज से सिख, ईसाई और बौद्धों की संख्या अपेक्षाकृत कम है.
देश की कुल आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 14.23% है जबकि देश में मौजूद हर चौथा भिखारी भी एक मुसलमान है।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार देश में 79.8% हिन्दू हैं जबकि इसके मुकाबले में 2.68 लाख हिंदू भिखारी वर्ग में आते हैं। देश में ईसाई 2.3% हैं जबकि भिखारियों में इनकी हिस्सेदारी महज 0.88% है। वहीं भिखारियों के प्रतिशत में बौद्ध-0.52%, सिख-0.45%, हैं.
जनगणना 2011 के आंकड़ों के मुताबिक देश में फिलहाल कुल 3.7 लाख ऐसे लोग मौजूद हैं जो किसी भी तरह का काम नहीं करते। ऐसे लोगों को ‘भिखारी’ की श्रेणी में रखा गया है.
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक ‘भिखारी वर्ग’ में ज्यादातर लोग समाज के उन विशेष हिस्सों से आते हैं जिन्हें सामान्य रूप से प्रतिनिधित्व नहीं मिला है या सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.