चेन्नई से एक गंभीर खबर आई है. धोखाधड़ी करने के मामले में दो पूर्व आईएएस और डीएमके के राज्यसभा सांसद टीएम सेलवनगणपति को दो-दो साल की सजा दी गयी है.
सीबीआई की विशेष अदालत ने इन तीन वीआईपीज को कैद ए बामुशक्कत की सजा के साथ 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है.
यह मामला 1991-96 के दौरान का है जब तमिलनाडु में एआईएडीएमके की सरकार थी और गणपति ग्रामीण विकास मंत्री थे.
सीबीआई के अनुसार सेलवनगणपति, अधिकारी जेटी आचार्यालू और आईएएस अधिकारी एम सत्यमूर्ति और तीन अन्य ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खजाने के धन के साथ धोखाधड़ी का ष्ड्यंत्र रचा. इस प्रकार खजाने से 23 लाख रुपये का नुकसान हुआ.
आरोप था कि गणपति और उनके सहयोगी आईएएस अधिकारियों ने जवाहर रोजगार योजना के तहत सहयोग समितियों के माध्यम से कुछ निर्माण कार्य करा रहे थे. पर इस में कोई काम नहीं किया गया. साथ ही जवाहर रोजगार योजना के तहत काम के लिए एडवांस पेमेंट का नियम नहीं है फिर भी इसके विपरीत पेमेंट दिया गया.
कुछ जगहों पर हालांकि काम भी हुआ लेकिन काम का स्तर काफी घटिया था इसके बावजूद उसे स्वीकार कर लिया गया.