लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा शुक्रवार को सीएम सचिवालय के संवाद कक्ष में आयोजित शिलान्यास एवं उद्घाटन कार्यक्रम दो महिलाओं की उपस्थिति से काफी परेशान हो गए। एक महिला को हॉल से बाहर करने के लिए उन्हें पसीना बहाना पड़ा तो दूसरे के लिए मंच पर बैठाने के लिए जगह बनाने में परेशानी झेलनी पड़ी। शिशिर सिन्हा के हाव-भाव से लग रहा था कि दोनों उनके लिए ‘अनपेक्षित मेहमान’ थे।
वीरेंद्र यादव
ग्रामीण जलापूर्ति एवं सौर ऊर्जा मिनी पाइप जलापूर्ति योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना था। इसका विज्ञापन भी अखबारों छपा था। उसी विज्ञापन को देखकर एक महिला नेत्री कार्यक्रम में शामिल होने पहुंच गयीं। वह पहले किसी आयोग में सदस्य भी रह चुकी थीं। वह महिला अधिकारियों के लिए आरक्षित कुर्सी पर बैठ गयीं। इसे देखकर शिशिर सिन्हा ने उन्हें वहां से हटाने का निर्देश अधिकारियों को दिया। पहले वह हटने के लिए तैयार नहीं हो रही थीं। लेकिन मान-मनौव्वल के बाद हटने को तैयार हो गयीं। उन्हें पीछे बैठाने की व्यवस्था की गयी। लेकिन वह फिर आगे आ गयीं और अधिकारियों के पीछे वाली लाइन में बैठ गयीं। यह शिशिर सिन्हा को नागवार गुजरा और वह खुद उस महिला को मनाने की कोशिश करने लगे। हालांकि प्रधान सचिव के आग्रह पर महिला हॉल से बाहर जाने को तैयार हो गयीं और शायद चली भी गयीं।
महिला विधायक की उपस्थिति
कार्यक्रम में पीएचइडी मंत्री दामोदर रावत पहुंच चुके थे। उनके थोड़ी देर बाद एक महिला विधायक भी कार्यक्रम में पहुंची। वह मंत्री के बगल में खाली सीट पर बैठ गयीं। अब शिशिर सिन्हा के लिए नयी परेशानी थी विधायक को मंच पर बैठाने की। मंच पर पहली लाइन में लगी कुर्सियों के आगे नाम लगा दिया गया था। उसमें मुख्य सचिव व विकास आयुक्त का नेमप्लेट भी लगा हुआ था। परेशान शिशिर ने तब राहत महसूस की, जब कन्फर्म हो गया कि मुख्य सचिव और विकास आयुक्त नहीं आ रहे हैं। मंच से दोनों को नेमप्लेट हटा दिया गया। खाली हुई सीट पर महिला विधायक के बैठने की व्यवस्था की गयी। इस ऊहापोह के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आगमन हुआ। फिर कार्यक्रम की शुरुआत शिशिर सिन्हा के स्वागत भाषण से हुई।