मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने डीएम व एसपी को निर्देश दिया है कि दो महीने में कम से कम एक बार जरूर गांवों में जाकर प्रवास करें, ताकि वहां की स्थानीय समस्याओं से रूबरू हो सकें। पटना में नागरिक व पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया था कि कम से कम महीने में एक बार जरूर डीएम व एसपी गांवों में जाकर प्रवास करें। लेकिन बाद में इसमें शिथिलता आ गयी। एक बार फिर इस प्रक्रिया को शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए रोस्टर बनाकर कार्यक्रम तय किया जाए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला और प्रखंड कार्यालयों में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय का अभाव है। इस कारण भी कार्यों के निष्पादन में विलंब होता है और लोगों को परेशानी होती है। जिला कार्यालय व प्रखंड कार्यालय के बीच भी समन्वय नहीं दिखता है। इसलिए समय-समय पर विभागों के बीच बैठक आयोजित किया जाना चाहिए, ताकि समन्वय बना रहे। इससे पारदर्शिता भी बनी रहेगी और कार्यों के निष्पादन में तेजी भी आएगी। इसका निरीक्षण भी नियमितरूप से किया जाना चाहिए।
भूमि समस्या है विकराल
मांझी ने कहा कि राज्य में भूमि समस्या गंभीर बनती जा रही है। भूमि समस्याओं के लिए निबटारे के लिए उपसमाहर्ता का होता है न्यायालय। फिर भी नहीं हो रहा है मामलों का निबटारा। इसका मतलब यह है कि इस दिशा में जिम्मेवार अधिकारी कार्य नहीं कर रहे हैं। ऐसे मामले पहुंचते हैं सीएम के जनता के दरबार में। विपक्षी ऐसे मामलों को प्रमुखता उठाते हैं। डीएम व एसपी को चाहिए कि वह अपने अधीनस्थ कार्यालयों का निरीक्षण करें ताकि वहां की स्थिति अगवत हो सकें। इसके साथ ही इसका भी ध्यान दें कि उसका परिणाम क्या निकल रहा है। इससे प्रशासिनक दक्षत बढ़ेगी और व्यवस्था के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा।
मंत्रियों के बीच बनाए समन्वय
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि जिन जिलों के दो मंत्री हैं, उन दोनों के बीच संतुलन बनाए रखें। उन्होंने कहा कि आप एक की बात सुनेंगे तो दूसरा आपकी शिकायत करेगा। आखिर हम ट्रांसफर-पोस्टिंग ही करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस व नागरिक प्रशासन के बेहतर समन्वय से ही हम सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए सबको मिकलर प्रयास करना होगा।