केन्द्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज शिलांग के निकट आयोजित एक समारोह में पूर्वोत्तर में दो प्रमुख राजमार्ग परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इन परियोजनाओं से गुवाहाटी के साथ-साथ पूर्वोत्तर के अन्य भागों से शिलांग की ओर जाने की यात्रा काफी सहज हो जाएगी। इनमें शिलांग बाईपास और एनएच-40 के जोराबात-बारापानी सेक्शन को चार लेन में बदलना शामिल हैं।
शिलांग बाईपास एनएच-40 तथा एनएच-44 (नया एनएच 6) को जोड़ता है तथा असम के पूर्वोत्तर हिस्सों तथा अन्य राज्यों – मिजोरम और त्रिपुरा की ओर जाने वाले और इनकी तरफ से आने वाले भारी वाहनों और ट्रकों से शिलांग शहर में भीड़-भाड़ कम होगी। 48.76 कि.मी. का बाईपास रि-भोई जिले में उमिआम एनएच-40 से शुरू होता है तथा पूर्वी खासी जिले में मावरींगक्नेंग एनएच-44 (नया एनएच-6) पर समाप्त होता है। इस राह पर गाड़ी चलाना सुरक्षित और सुखद अनुभव मुहैया कराता है। इस बाईपास का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा बीओटी (एन्यूटी) आधार पर किया गया है। जोराबात-बारापानी को चार लेन में बदलने से गुवाहाटी और शिलांग के बीच मजबूत सड़क मार्ग बन गया है। प्राधिकरण ने एनई के अंतर्गत डीबीएफओटी पद्धति पर 61.80 किमी. परियोजना बनाने का निर्णय लिया था।
इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि केन्द्र पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सड़कों के त्वरित विकास के लिए राज्यों को भूमि का अधिग्रहण तथा वन पर्यावरण मंजूरी शीघ्रता से लेनी होगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने इस वर्ष पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 15,000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं तय की हैं।