सरकार ने डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए डेबिट कार्ड, भीम ऐप और आधार आधारित भुगतान तंत्र से दो हजार रुपये तक के भुगतान पर दो साल के लिए मर्चेंट डिस्काउंट दर (एमडीआर) का भार स्वयं वहन करने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया कहा कि 01 जनवरी 2018 से दो वर्ष के लिए दो हजार रुपये तक के भुगतान पर एमडीआर का भुगतान सरकार करेगी। बैंकों को सरकार एमडीआर का भुगतान करेगी।
उन्होंने कहा कि जब किसी दुकानदार को पीओएस के जरिये भुगतान किया जाता है तो उस पर दुकानदार को बैंकों को एमडीआर देना पड़ता है। इस शुल्क की वजह से बहुत लोग डेबिट कार्ड होते हुये भी नकदी लेनदेन करते हैं। इसके मद्देनजर डेबिट कार्ड, भीम ऐप या आधार आधारित भुगतान तंत्र से छोटे ग्राहकों और व्यापारियों को डिजिटल भुगतान के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार ने यह निर्णय लिया है। इस पर दो साल में 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का बोझ पड़ेगा। श्री प्रसाद ने बताया कि चालू वित्त की पहली छमाही में डेबिट कार्ड से 2,18,700 करोड़ रुपये के भुगतान किये गये हैं और मार्च 2018 तक इसके बढ़कर 4,37,400 करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है। इस दौरान कुल 3.14 लाख डेबिट कार्ड भुगतान होगा। उन्होंने कहा कि अगले पाँच से सात साल में 10 लाख करोड़ डाॅलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है।