मलयालम मनोरमा ग्रुप की अंग्रेजी पत्रिका द वीक ने नरेंद्र मोदी और उनकी पत्नी के बारे में एक बड़ा खुलासा किया है.
कोच्चि से प्रकाशित इस पत्रिका ने 27 अप्रैल को बाजार में आने वाले अपने अंक में लिखा है कि जिस दिन नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भरते समय जशोदा बेन को अपनी पत्नी स्वीकार किया उस दिन उन्होंने कुछ लोग उनके घर भेज दिए, ताकि उन्हें लोगों की नजरों से दूर रखा जा सके. मैगजीन ने विश्व हिंदू परिषद के सूत्रों के हवाले से कहा है कि नामांकन के तुरंत बाद कुछ विहिप कार्यकर्ता और सुरक्षाकर्मी तीर्थयात्रियों के वेश में तीन सफेद एसयूवी में सवार होकर जशोदाबेन के घर पहुंचे थे.
पत्रिका का दावा है कि जोशोदा बेन के घर पहुंच कर उन लोगों ने उन से कहा कि चार धाम की यात्रा के लिए उन्हें जाना है. सूत्रों के मुताबिक, ये लोग जशोदाबेन को अहमदाबाद ले गए और फिर वहां से उन्हें चार्टड प्लेन पर सवार कर यूपी और उत्तराखंड की सीमा पर औरंगाबाद गईं. इसके बाद वह ऋषिकेश स्थित रामदेव के आश्रम चली गईं. आश्रम में काम करने वालों का कहना है कि 13 अप्रैल को कोई महिला सफेद गाड़ी में सवार होकर आई थी
पत्रिका के अनुसार उनकी सुरक्षा में गुजरात सिक्युरिटी के उच्च अधिकारी थे. शायद उनको यह भी नहीं पता कि उनके साथ मौजूद ये लोग तीर्थयात्री नहीं हैं, बल्कि उन्हें लोगों की नजरों से जशोदाबेन को दूर ले जाने के लिए तैनात किया गया है. मैगजीन के मुताबिक, यह जानकारी द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के एक करीबी ने दी है. सरस्वती ने हाल में ही मोदी के खिलाफ बयान दिया था.