बिहार विधानमंडल में आज किसानों को उनकी धान फसल खरीद पर दिए जाने वाले बोनस की अब तक घोषणा नहीं किए जाने तथा उसे बढ़ाकर प्रति क्वींटल 500 रुपये करने को लेकर विपक्षी राजग जोरदार विरोध दर्ज करने के साथ एकजुट दिखा। बिहार विधानसभा में 57 सदस्यीय राजग में शामिल भाजपा, लोजपा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सदस्यों ने एकजुटता प्रदर्शित करते हुए सरकार से किसानों को उनकी धान फसल के क्रय पर दिए जाने वाले बोनस को जारी रखे जाने तथा उसे पूर्व के 300 रुपये से बढाकर 500 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग रखी।
बिहार विधानसभा में किसानों के बोनस मुद्दे को शून्यकाल के दौरान भाजपा सदस्य तारकिशोर प्रसाद के उठाए जाने पर प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार और भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव तथा राजग के अन्य विधायक अपनी-अपनी सीट से खडे होकर सरकार से इसकी घोषणा किए जाने की मांग करने लगे। प्रेम ने सरकार से जानना चाहा कि धान क्रय का समय शुरु हो जाने के बावजूद किसानों को बोनस दिए जाने की घोषणा सरकार द्वारा अब तक क्यों नहीं की गई। उन्होंने पिछले वर्ष किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त बोनस के रुप में दिए गए 300 रुपये को बढाकर 500 रुपये क्विंटल करने की मांग रखी।
उन्होंने आरोप लगाया कि पहली बार इतिहास में ऐसा हुआ है कि इस वर्ष कुछ किसानों को आत्महत्या करनी पडी, जिसकी आगे पुनरावृति नहीं होनी चाहिए। नंदकिशोर और अन्य विपक्षी सदस्यों ने सदन के शीतकालीन सत्र की आज की कार्यवाही के समाप्त होने के मद्देनजर सरकार से इस बारे में आज ही जवाब देने की मांग की। बिहार विधानसभा में भोजनवकाश के पूर्व विपक्ष के हंगामें के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति में वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने विपक्ष को शांत करने की कोशिश करते हुए वादा किया कि सरकार द्वारा इस विषय पर उत्तर दिया जाएगा।