केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने बैंक धोखाधड़ी को अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक कैंसर करार देते हुए नई दिल्ली में आज कहा कि आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों में छोटी ‘मछलियां’ ही ज्यादा पकड़ी जाती हैं, जबकि बड़ी ‘मछलियां’ बाहर घूमती रहती हैं।
श्री सिन्हा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के तत्वावधान में आयोजित सार्वजनिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सतर्कता अधिकारियों के छठे सम्मेलन में कहा कि बैंकों में धोखाधड़ी की घटनाएं हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी है, जिनमें से 65 प्रतिशत मामले तकनीकी गड़बड़ियां से सम्बद्ध होते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि सार्वजनिक बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों में धोखाधड़ी की घटनाओं में छोटे लोग ही पकड़े जाते हैं, बड़े लोग बचकर निकल जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुणे में आयोजित ज्ञान संगम में स्पष्ट कर दिया था कि धोखाधड़ी के मामलों में किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं होगा।
श्री सिन्हा के अनुसार, इस निर्देश का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और ऐसे मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप बंद हो गए हैं। जब उनसे यह पूछा गया कि जानबूझकर बैंकों का पैसा हजम करने को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल करने की सरकार की कोई योजना है, तो उन्होंने इसका सीधा उत्तर दिये बिना कहा कि यह मसला जांच एजेंसियों और कानून विशेषज्ञों के चिंतन का है। इससे पहले अपने सम्बोधन में सीबीआई निदेशक ने आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों की जांच के लिए सीबीआई में एक अलग प्रकोष्ठ गठित किये जाने की सलाह दी।