मुख्यमंत्री के काफिले पर ईंटबाजी मामले पर एनडीए के घटक दल खुद ही अपनी फजीहत कराने में लग गये हैं. जहां जदयू-भाजपा इस मामले में राजद की साजिश का राग अलाप रहे हैं वहीं रालोसपा ने साफ कहा है कि इस कांड में जदयू कार्यकर्ताओ का भी हाथ है.
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले दिनों कहा कि नंदनगांव ईंटबाजी में जदयू के नाराज कार्यकर्ताओं के शामिल होने की बात सामने आ रही है. वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और नीतीशमंत्रिमंडल के सहयोगी सुशील मोदी ने बुधवार को इस मामले को अलग रंग देने की कोशिश करते दिखे. मोदी ने ट्विट कर कहा कि पुलिस ने नंदन गांव में बड़ी मात्रा में शराब बरामद की थी जिसका बदला लेने के लिए मुख्यमंत्री पर हमला किया गया. मोदी ने कहा कि विपक्ष शराब माफिया संग मिल कर असंतोष की झूठी कहानी गढ़ रहा है.
हालांकि इस मामले की जांच करने वाले अफसर आनंद किशोर ने पिछले दिनों स्वीकारा कि एक ही गांव में एक तरफ विकास कार्य हुए और दूसरी जगह नहीं. ऐसा क्यों किया गया और इसके प्रति जिम्मेदार कौन है उसकी भी जांच की जा रही है. दूसरी तरफ अपोजिशन लीडर तेजस्वी यादव ने अपने बयान में कहा कि महादलितों में असंतोष की वजह यह है कि उनके गांव में विकास नहीं हुआ.
गौरतलब है कि पिछले दिनों सीएम नीतीश कुमार जब बक्सर में विकास समीक्षा यात्रा पर थे तो उनके काफिले पर ईंटबाजी हुई जिसमें अनेक पुलिसकर्मियों को चोटें आयीं और मुख्यमंत्री को बड़ी मशक्कत के बाद इस हमले से सुरक्षित बचाया जा सका.
तेजस्वी का ‘बिकाऊ’ चैनलों पर हमला
तेजस्वी ने ऐसी खबर को जिसमें उपें्र कुशवाहा ने ईंटबाजी के लिए नीतीश की पार्टी के लोगों के शामिल होने की बात कही उसे मीडिया के एक सेक्शन के जरिये डाउनप्ले करने पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें बिकाऊ चैन कहा है. तेजस्वी ने ट्विट किया नीतीश सरकार के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री कह रहे है कि नीतीश पर हमले जदयू के लोग ही करा रहे है।लेकिन कुछ बिकाऊ चैनल है कि उन्हें ऐसी ख़बरों से कोई लेना-देना नहीं। जेडीयू के तीन राज्यसभा सांसद पार्टी छोड़ गए लेकिन इनको कुछ टूट दिखाई नहीं देती।इन्हें तो बस गांधी जी दिखाई देते है।