जदयू शरद गुट के तीन नेताओं ने नंदनगांव का भ्रमण करने के बाद नीतीश सरकार पर इल्जाम लगाया है कि पुलिस महादलितों से आतंकियों जैसा व्यवहार कर रही है. 500 लोगों के खिलाफ एफआईर की गयी है. बच्चों व महिलाओ पर भी ज्लम किया जा रहा है.
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सरकार और प्रशासन नंदन गांव के महादलित लोगों के साथ आतंकियों की तरह व्यवहार कर रही है है .जिला प्रशासन महादलित टोले के लड़कियों महिलाओं और नौजवान के साथ-साथ नाबालिग बच्चों को जबरन FIR में नाम दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित कर रहा है .
उक्त बातें जदयू के पूर्व राज्यसभा सांसद एवं जनता दल यूनाइटेड शरद गुट के नेता अली अनवर ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि माननीय शरद जी के कहने पर मैं अली अनवर,पूर्व सांसद अर्जुन राय और राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य इंजीनियर सन्तोष यादव बक्सर जिले के नंदन गांव में गए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर हुए हमले और उसके बाद से हो रहे पुलिसिया दमन को को लेकर हमने गांव तथा आसपास के लोगों से बातचीत की जिसमें कई सारी महत्वपूर्ण जानकारियां निकल कर आई.
पहली- इस पूरे क्षेत्र में विकास नाम की कोई चीज नहीं है .इस गांव में सड़क, बिजली और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है.यानी मुख्यमंत्री विकास की समीक्षा यात्रा का एक नाटक कर रहे.
दूसरी- जो न्याय के साथ विकास का नीतीश कुमार का वादा वादा था नंदन गांव के पुलिसिया दमन को देखकर लगता है कि अन्याय के साथ विकास अब इनका नारा रह गया है.
अली अनवर ने कहा कि नंदन गांव के लोग जब मुख्यमंत्री का काफिला गुजर रहा था तो विनम्रतापूर्वक आग्रह किया कि सर आइए और हमारे यहां भी विकास कार्यों को देखिए लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें हटा दिया और जब शाम में काफिला लौट रहा था उसी दौरान कुछ लोगों के द्वारा रोड़ेबाजी की घटना हुई.
उसके बाद इस गांव में पुलिसिया दमन शुरू हुआ है. सौकड़ों लोगों को नाम एफ आई आर में डाल दिया गया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए जनतादल यूनाइटेड (शरद गुट ) के नेता औऱ राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य इंजीनियर संतोष यादव ने कहा कि नीतीश सरकार का चरित्र दलित महादलित विरोधी है. नन्दन गांव के लोगों पर पुलिसिया दमन इसका जीता जागता उदाहरण है.
हमलोग पुलिसिया दमन का विरोध करते है साथ ही गिरफ्तार लोगों की अविलम्ब रिहाई की मांग करते है.
संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पूर्व सांसद अर्जुन राय ने कहा कि पुलिसिया दमन का आलम यह है कि एक पत्थरबाजी की घटना पर डुमरांव थाने में पांच एफ आई आर दर्ज हुई जिसमे 102 नामजद एफ आई आर है 500 अज्ञात है, तथा अभी तक 29 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी है.जो यह दर्शाता है की यह सरकार दलित विरोधी है.
अर्जुन राय ने कहा कि बिहार के इतिहास में किसी भी सरकार के द्वारा आजतक इस तरह से महादलितों पर अत्याचार नहीं किया जितनी नीतीश कुमार की सरकार ने किया है.महिलाओं के साथ जिस तरह से पुलिस ने दुर्व्यवहार किया वो शर्मनाक है. अतः जदयू ( शरद गुट) यह मांग करता है कि गिरफ्तार लोगों को बिना शर्त तुरन्त रिहा किया जाए और इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए.