सरकार बनाने और चलाने में नंबर की बड़ी भूमिका होती है। कभी विधायकों की संख्या, कभी समर्थकों की संख्या तो कभी विरोधियों की संख्या। नंबरों के खेल में ही उपेंद्र कुशवाहा ने सुशील मोदी को विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से धकिया दिया था। विधायकों के नंबरों के जोड़-घटाव में ही जीतनराम मांझी नीतीश कुमार से पिछड़ गए थे। लेकिन एक नंबर ऐसा भी है, जिसमें नीतीश पर मांझी भारी पड़ रहे हैं।
वीरेंद्र यादव
वह नंबर है गाड़ी का। नीतीश कुमार 7 नंबर की गाड़ी पर चढ़ते हैं और जीतनराम मांझी 77 नंबर की गाड़ी पर चढ़ते हैं। सीधे 11 गुना भारी। नीतीश के लिए 7 लकी नंबर हो सकता है। उनकी गाड़ी नंबर भी 7 है और जिस सरकारी आवास में रह रहे हैं उसका नंबर भी 7 है। यानी 7 पर 7 सतहतर (77)। आवास और गाड़ी का नंबर मिलाकर नीतीश 77 का अंक हासिल कर सकते हैं। जबकि मांझी दोनों अंकों पर अकेले सवार हो रहे हैं। 77 नंबर की एंबेसडर गाड़ी।
आज विधान सभा पोर्टिको में मांझी पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। 77 नंबर की गाड़ी उनके इंतजार में खड़ी थी। पीसी समाप्त कर मांझी 77 नंबर पर सवार होकर निकल गए। 77 नंबर की गाड़ी पर मांझी कब से सवार हो रहे हैं, इसकी सूचना उपलब्ध नहीं है। गाड़ी नंबर देखकर इतना जरूर अहसास हो गया कि विधायकों की संख्या में मांझी सीएम नीतीश से जरूर पिछड़ गए हैं, लेकिन गाड़ी के नंबर पर जरूर भारी हैं।