औरंगाबाद के नक्सली हमले ने जातीय वर्चस्व की लड़ाई की याद ताजा कर दी है. इस हमले के बाद प्रतिबंधित रणवीर सेना में आक्रोश है.
नक्सली हमले में मरे गए राष्ट्रवादी किसान संघ के सक्रिय नेता सुशिल पाण्डेय समेत सात लोगों की मौतत के भोजपुर से राष्ट्रवादी किसान संघ के प्रवक्ता देवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा है कि हमने अपने हाथों में चुड़ियां नहीं पहन रखी हैं. राष्ट्रवादी किसान संगठन का गठन रणवीर सेना के तत्कालीन प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया ने किया था. फिलहाल इस संगठन के प्रमुख ब्रह्मेश्वर सिंह के बेटे हैं.
जानकारों का कहना है कि सुशील पांडेय रणवीर सेना के एरिया कमांडर भी रह चुके थे.
सुशील पांडे औरंगाबाद इलाके में किसान संगठन के बड़े नेता थे. उनकी मौत के बाद राष्ट्रवादी किसान संघ के प्रवक्ता देवेंद्र कुमार सिंह ने धमकी भरी लहजे में कहा है कि हम अपने लोकप्रिय नेता की कुर्बानी को यूं ही जाया नहीं होने देंगे.
इस बीच औरंगाबाद नक्सली हमले की घटना के बाद जिले के एसपी को हटा दिया गया है. जबकि मृतकों के परिजनों को पांच पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा सरकार ने की है.
मालूम हो कि विसफोट के बाद नक्सलियों ने देर तक फायरिंग की जिससे इलाके में भारी दहशत कायम है.इस विसफोट और फायरिंग के बाद नक्सली माओवाद जिंदवाबाद के नारे लगाते हुए वहां से चले गये.
हालांकि पुलिस का दावा है कि इस वारदात में सात लोगों की जान गयी है.
इधर खबरों में बताया गया है कि एसडीपीओ मुहम्मद अनवर जावेद ने बताया कि विस्फोट में पिसाय के पार्षद सुधा देवी के पति सुशील पांडेय सहित सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी है.
खबर है कि नक्सलियों ने तीन विस्फोट किये और विसफोट के बाद फायरिंग भी की.