प्रतिबंधित भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) उग्रवादियों के बिहार में पांच चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान गड़बड़ी किये जाने की आशंका को देखते हुए प्रदेश में बड़े पैमाने पर जहां नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है, वहीं राज्य से लगी नेपाल की सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गयी है।
चुनाव आयोग के निर्देश पर पहले चरण में 12 अक्टूबर को होने वाले दस जिलों के 49 विधानसभा क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत उग्रवादियों के साथ ही अपराधी एवं असमाजिक तत्वों की भी धर पकड़ तेज कर दी गयी है। पहले चरण में समस्तीपुर, बेगूसराय, नवादा , जमुई, बांका , खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर , लखीसराय एवं शेखपुरा जिलों में चुनाव होना है। प्रथम चरण के चुनाव वाले नवादा, जमुई , बांका , खगड़िया, मुंगेर और लखीसराय उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित है। इन इलाकों में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराये जाने को लेकर आयोग के निर्देश पर उक्त प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ चुनाव से पूर्व ही अभियान शुरु किया गया था । इन क्षेत्रों में 15 दिन पूर्व से ही एरिया डोमिनेशन की कार्रवाई की जा रही है।
माओवादियों एवं शरारती तत्वों के खिलाफ यह विशेष सर्च अभियान बिहार और झारखंड के सीमावर्ती इलाकों मे भी चलाया जा रहा है। झारखंड की सीमा से लगे नवादा और जमुई जिलों के सीमावर्ती इलाकों में विशेष रुप से नक्सलियों के खिलाफ यह अभियान शुरु किया गया है। सीमावर्ती इलाको में नक्सलियों का शुरु से ही दबदबा रहा है। माओवादियों के खिलाफ इस अभियान में लगे केन्द्रीय पुलिस बल के जवानों को भौगोलिक दृष्टि से इन सभी क्षेत्रों की जानकारी भी दी गयी है।