बिहार के औरंगाबाद जिले में नक्सलियों ने कटिहार में पदस्थापित दारोगा केदारनाथ सिंह का घर बम लगा के उड़ा दिया। नक्सल प्रभावित औरंगाबाद के दक्षिणी इलाके में नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने पर विफल साबित हो रहा है। नक्सिलयों ने औरंगाबाद में पुलिस फायरिंग के खिलाफ बंद की घोषणा की थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले के अंबा थाना क्षेत्र के मंझैाली गांव में अपनी कार्रवाई के दौरान नक्सलियों ने पुलिस इंस्पेक्टर के परिजनों को बेरहमी से पीटा और उन्हें घर से बाहर निकाल कर तब तक बंधक बनाये रखा, जब तक पूरा मकान राख नहीं हो गया। एक तरफ नक्सली घर को ध्वस्त कर रहे थे, दूसरी तरफ इंस्पेक्टर के भाई रणविजय सिंह, उनकी पत्नी, बेटी, बेटा यशवंत सिंह व मौसेरे भाई की पत्नी रीना देवी रो-बिलख रहे थे। इन लोगों को नक्सली जबरन बाहर ले गए और बंधक बनाए रखा ।
घर जलाने के बाद नक्सलियों ने यशवंत सिंह के हाथ में एक परचा थमाया और कहा कि इसे अपने एसपी को दे देना। नक्सली इस घटना को मदनपुर घटना के विरुद्ध की गयी कार्रवाई बता रहे थे। जाते-जाते नक्सलियों ने बिहार के सभी दारोगा के घर ध्वस्त करने की बात भी कही। उधर नक्सलियों ने ढिबरा थाना क्षेत्र में एक पोस्टर चिपकाया था, जिसमें दलितों के उत्पीड़न के लिए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को जिम्मेवार ठहराया था।