सरकार नक्सल प्रभावित जिलों को विकास की मुख्यधारा से जोडने की अपनी योजना को आगे बढाते हुए दस राज्यों के 96 जिलों में चार हजार से अधिक मोबाइल टॉवर लगायेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। केन्द्र सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संपर्क सुविधा बढाने के लिए दो चरणों में मोबाइल टॉवर लगाने की योजना पर काम कर रही है । यह निर्णय इसी योजना के दूसरे चरण के तहत लिया गया है। दूसरे चरण में आन्ध्र प्रदेश, बिहार , छत्तीसगढ , झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र , ओडिशा , तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 96 जिलों में 4072 मोबाइल टॉवर लगाये जायेंगे। इस पर 7 हजार 3 सौ 30 करोड रूपये की लागत आयेगी।
इस मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल नक्सल प्रभावित इन क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा किया जायेगा। साथ ही इन क्षेत्रों के निवासियों को भी इससे मोबाइल सेवाओं का लाभ मिल सकेगा और इससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि भी बढेगी। इससे नक्सल प्रभावित तथा पिछडे जिलों में ई-प्रशासन की गतिविधियों को बढावा मिलेगा। झारखंड के 21 जिलों में सबसे अधिक 1054 टॉवर लगाये जायेंगे जबकि दूसरे नम्बर पर छत्तीसगढ के 16 जिलों में 1028 टॉवर लगाये जायेंगे। ओडिशा में 483, आन्ध्र प्रदेश में 429 और बिहार में 412 टॉवर लगाये जायेंगे। इन टॉवरों से उपभोक्ताओं को टू जी और फोर जी दोनों सुविधाएं मिलेंगी।
गृह मंत्रालय ने संबंधित राज्यों के साथ विचार विमर्श के बाद टॉवर लगाये जाने की जगहों को चुना है। इस चयन में यह ध्यान रखा गया है कि इससे सुरक्षा बलों के साथ साथ स्थानीय लोगों की संपर्क सुविधा की जरूरत भी पूरी हो सके। इससे पहले प्रथम चरण में नक्सल प्रभावित जिलो में 2335 टॉवर लगाये गये हैं जिन पर 4 हजार 80 करोड रूपये की लागत आयी है।