राजधानी पटना को जलजमाव से मुक्ति दिलाने में विफल रहे नगर निगम पर आज जमकर बरसे मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी। उन्होंने कहा-पटना नगर निगम के मेयर और सीईओ की आपसी लड़ाई में पटना वासियों का जीवन नरक हो गया है। जलनिकासी के मामले में पटना नगर निगम फेल हो गया है। ये साफ-सफाई का पैसा भी नहीं खर्च कर पाया है।
मुख्यमंत्री जब कह रहे हों कि पटना के अवाम की जिंदगी जहुन्नुम बन गयी है तो इस बात की गंभीरता कोई समझ सकता है. जिंदगी इसलिए जहन्नु नहीं बनी कि पटना शहर में बाढ़ आ गयी है, बल्कि इसलिए यह हालत है कि शहर के मेयर और नगर आयुक्त पिछले छह महीने से एक दूसरे को नीचा दिखाने, पटखनी देने, एख दूसरे को नाकारा साबित करने और एक दूसरे पर हमला बोलने में लगे हैं. शहर के लोग जाये भांड में. पर सवाल यह भी है कि दो लोगों की लड़ाई में सरका इतनी बेबस क्यों है?
सीएम ने बाढ़ प्रभावित जिलों का लिया जायजा
राज्य के बाढ़ प्रभावित 14 जिलों के जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने अपनी भड़ास निकाली। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना नगर निगम प्रशासन हद कर दी है। मेयर अफजल इमाम और नगर आयुक्त कुलदीप नारायण की आपसी लड़ाई ने पूरी व्यवस्था चौपट हो गयी है। निगम अपाहिज हो गया है। इस दौरान कई विभागों के प्रधान सचिव व सचिवों की मौजूदगी ने मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बरतें और राहत व बचाव कार्यों में कोई कोताही नहीं बरतें। श्री मांझी ने कहा कि कुछ जिलों में बाढ़ की त्रासदी है तो कुछ जिलों में सूखे की स्थिति है। इस चुनौती भरे प्राकृतिक आपदा से निबटने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और इस काम में पैसे की कोई कमी आएगी। सीएम ने खगड़िया, शेखपुरा और सीतामढ़ी को सितम्बर तक हाई अलर्ट पर रखने की बात कही है।
मौजूद थे वरीय अध्ािकारी
सीएम ने कहा कि जलजमाव और बाढ़ की समस्या पर गंभीर हो गयी है। किसी भी तरीके से इनका समाधान निकाला जाएगा। इस दौरान जल संसाधनमंत्री विजय चौधरी ने जिलाधिकारियों से कहा कि विभागों के बीच समन्वय बनाकर काम करें ताकि बाढ़ से होने वाली क्षति को न्यूनतम किया जा सके और राहत में तेजी लाया जा सके। उन्होंने राहत शिविर की व्यवस्था को सुचारू और नियमित बनाए रखने का निर्देश भी दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिलाधिकारियों ने भी अपने जिले की स्थिति से सीएम को अवगत कराया और भरोसा दिलाया कि संकट से निबटने में किसी भी स्तर पर कोताही नहीं होगी। मुख्यमंत्री के साथ संबंधित विभागों के प्रधान सचिव व सचिव भी मौजूद थे।