उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह ही नीतीश कुमार में भी निर्णय लेन का साहस हैं. नीतीश कुमार में हिम्मत ही है कि वे पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने और शराबबंदी जैसे असाधारण निर्णय ले सकें. मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने बड़ी लकीर खींच दी है, जिसकी बराबरी शायद अगले 20-25 वर्षों में भी कोई नहीं कर पाये. उक्त बातें सुशील मोदी आज बिहार विधान परिषद के उपभवन स्थित सभागार में आयोजित ‘नीतीश कुमार : संसद में विकास की बातें’ पुस्तक के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित करते हुए कहीं.
नौकरशाही डेस्क
नीतीश कुमार ने केवल मुख्यमंत्री के नाते ही उल्लेखनीय काम नहीं किया है, रेलमंत्री के तौर पर भी उन्होंने बेंचमार्क स्थापित किया. आमतौर पर यह धारणा थी कि विकास कार्यों से वोट नहीं मिलता है, मगर नीतीश कुमार ने यह साबित कर दिया कि विकास से ही वोट मिलता है. नीतीश कुमार के कार्यकाल को इतिहास हमेशा याद रखेगा.
मोदी ने कहा कि लोकसभा या विधान सभा में दिया गया भाषण अपने समय का दर्पण होता है. लोकार्पित पुस्तक में नीतीश कुमार के संसद में दिए गए भाषणों का संकलन हैं, मगर पिछले 12-13 वर्षों में मुख्यमंत्री के तौर पर विधान सभा और विधान परिषद में उनके दिए गए भाषणों का एक दूसरा संस्करण भी प्रकाशित होना चाहिए. नीतीश कुमार के साथ काम करने वाले लोग अपने अनुभवों के आधार पर इस तरह की पुस्तक का तीसरा संस्करण निकालेंगे.