आप से निष्कासित वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण नयी पार्टी बना सकते हैं। राजनीतिक माहौल को भांपने के मकसद से प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव डॉ. बीआर आंबेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल को अपने समर्थकों के साथ एक बैठक करेंगे। इस मीटिंग में आप के बागी सदस्य और सामाजिक आंदोलनों से जुड़े नेता शामिल होंगे। मीटिंग में आप के आंतरिक लोकपाल रहे ऐडमिरल एल रामदास और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर भी आमंत्रित किया गया है।
योगेंद्र यादव ने साफ किया है कि वह वापस ऐकडेमिक्स की ओर नहीं जाएंगे, बल्कि राजनीति में ही बने रहेंगे। वहीं, प्रशांत भूषण का कहना है कि उनके पास तीन विकल्प हैं। हम पार्टी को केजरीवाल और उनकी मंडली से बचाने के लिए चुनाव आयोग या कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। दूसरा ऑप्शन राजनीतिक दल बनाना है। तीसरा विकल्प यह है कि किसी राजनीतिक दल के बजाय जन आंदोलन को आगे बढ़ाएं और भूमि अधिकार और ऐसे मुद्दों के लिए संघर्ष करें। साथ ही सिस्टम में बदलाव के लिए वॉलंटियर्स और अन्य मेंबर्स की सकरात्मक ऊर्जा का उपयोग करें।
योगेंद्र यादव का कहना है कि आप आंदोलन की स्पिरिट जिंदा रहनी चाहिए। उसे लेकर आगे बढ़ना चाहिए। हम नहीं चाहते कि कुछ नकरात्मक चीजें इस स्पिरिट पर असर डाले। हमें अपने रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए। इसी तरह से हम देश में ताकत पैदा कर सकते हैं। उन्होंने का कहना है कि आप लीडरशिप जब तक हम दोनों को पार्टी से बाहर नहीं कर देती, तब तक वे नरम नहीं पड़ेंगे। योगेंद्र यादव ने कहा कि वह और प्रशांत इसके लिए तैयार हैं।