नये भूतल परिवहन व हाईवे मंत्री ऑस्कर फर्नांडिस के काम का तरीका कुछ जुदा सा है.वह अमूमन रात के तीसरे पहर तक ऑफिस में जमे होते हैं ऐसे में बाबुओं को भी ऐसी तैयारी करनी पड़ेगी.
जो फर्नांडिस को करीब से जानते हैं वह आप को यह बताते हुए चुस्की लिया करेंगे कि उन्हें शायद रात में नींद कम आती है या आती ही नहीं. और शायद यही कारण है कि वह रतजगा करने के लिए काम का सहारा लेते हैं.
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बस यही कोई रात के 1 बजे या फिर दो बजे तक. फर्नांडिस मनमोहन सिंह की पिछली सरकार में मंत्री के बतौर कुछ ऐसा ही करते थे. तब वह कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री हुआ करते थे. उन दिनों वह अपना दफ्तर आम तौर पर आधी रात के बाद ही छोड़ा करते थे. उन दिनों उनसे कोई मिलना चाहता था तो फर्नांडिस अकसर मिलने वालों को रात के ग्यारह बजे अपने दफ्तर बुलाया करते थे.
आदत तो आदत है, जाहिर है अब भी बनी रहेगी.
मतलब साफ है कि फर्नांडिस जब रात के तीसरे पहर तक दफ्तर में हुआ करेंगे तो उनके लिए उनके सचिव स्तर के अधिकारियों को भी दिनचर्या के बजाये रत्रिचर्या बनाना होगा. भूतल परिवहन और हाइवे सचिव विजय छिब्बर, हो सकता है कि अब मानसिक रूप से इसके लिए तैयार हो रहे होंगे. पर उन्हें ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं क्योंकि फर्नांडिस अधिकारियों को इतनी छूट तो देते ही हैं कि अगर वह चाहें तो शाम ढ़लते ही अपने घर जा सकते हैं.
ऑस्कर फर्नांडिस सोनिया गांधी के काफी करीब और विश्वस्त बताये जाते हैं. करीब तो वह राजीव गांधी के भी हुआ करते थे.
सोनिया ने उन्हें मंत्रालय देने के बजाये काफी दिनों तक संगठन में रखा. लेकिन अब वह मंत्री के रूप में सरकार को अपनी सेवायें दिया करेंगे.