समाज बचाओ आंदोलन ने रविवार को पटना में एक परिचर्चा का आयोजन किया. इस अवसर पर अनेक सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने अपने विचार रखे. परिचर्चा में मौजूदा राजनीतिक माहौल के प्रति लोगों में भारी निराशा देखने को मिली.
ऐसे हालात में यह विचार भी सामने आया कि बिहार में एक नये राजनीतिक विकल्प की शुरुआत की जरूरत है और इसके लिए एक राजनीतिक पार्टी के गठन की बात भी चली.
परिचर्चा में समाज बचाओ आंदोलन के नेता काशिफ युनूस ने कहा कि हमें एक नयी राजनितिक चेतना और आंदोलन की जरूरत है इसलिए बहुत जल्द एक राजनीतिक पार्टी की शुरूआत की जायेगी.
इंकलाब के एडिटर अहमद जावेद ने राजनीति और उसके उद्देश्यों की बारीकियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि मौजूदा दौर में राजनीति को एक फुल टाइम जॉब के रूप में लिया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि जो लोग राजनीति में हैं वह अपना करियर इसी में खोजते हैं जो किसी भी लिहाज से बुरा नहीं है.
परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए डा. एसपी शर्मा ने कहा कि समाज जाति और मजहब की राजनीति से तंग आ चुका है उसे आम लोगों की बुनियादी समस्याओं से जोड़ने की जरूरत है.जबतक राजनीति आम लोगों की समस्याओं से खुद को नहीं जोड़ती तब तक आम समस्याओं का हल संभव नहीं है.
इस अवसर पर किसान नेता चंद्रशेखर ने किसानों की समस्याओं पर रोशनी डालते हुए कहा कि मौजूदा राजनीतिक माहौल के कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को खाद, बीज, पानी इतने महंगे में मिलते हैं कि आज किसानी घाटे का सौदा बन कर रह गयी है. ऐसे में हमें किसानों की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाने की जरूरत है.
परिचर्चा में सुनिता साक्षी, एडवोकेट नजीरुल होदा समेत अनेक लोगों ने अपने विचार रखे.