नवनियुक्त विदेश सचिव सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने आज नई दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक स्थित विदेश मंत्रालय में अपना कार्यभार संभाल लिया। कल देर रात विदेश सचिव सुजाता सिंह को निर्धारित कार्य अवधि से छह माह पहले ही तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया और अमेरिका में भारत के राजदूत श्री जयशंकर को नया विदेश सचिव नियुक्त करने संबंधी आदेश जारी किये गये थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कल शाम हुई मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति की बैठक में यह फैसला लिया था।
श्री जयशंकर कार्यभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें बहुत बडी जिम्मेदारी मिली है और वह इसके लिये चुने जाने पर खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी नियुक्ति को अकस्मात घटना मानते हैं तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस वक्त उनसे ऐसे सवाल पूछे जाने चाहिये।
भारतीय विदेश सेवा की 1976 बैच की अधिकारी सुजाता सिंह को एक अगस्त 2013 को विदेश सचिव नियुक्त किया गया था और उनका कार्यकाल 31 जुलाई 2015 तक का था। लेकिन सरकार ने उनके कार्यकाल के छह माह पहले ही उन्हें पद मुक्त कर दिया। सूत्रों के अनुसार श्रीमती सिंह ने सेवा से त्यागपत्र भी दे दिया है। भारतीय विदेश सेवा की 1977 बैच के अधिकारी श्री जयशंकर का कार्यकाल उनके पद संभालने की तिथि से दो वर्षा की अवधि के लिए होगा। इस पद के लिये श्री जयशंकर का नाम 2013 में भी चर्चा में था। लेकिन तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने जर्मनी में राजदूत श्रीमती सिंह को विदेश सचिव नियुक्त किया था। श्रीमती सिंह को बीच कार्यकाल में हटाकर श्री जयशंकर को इस पद पर लाया जाना भारतीय कूटनीति में अहम बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।